राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने अरब सागर में बजरा दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय, ओएनजीसी के अध्यक्ष, भारतीय तटरक्षक बल और पोत परिवहन महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। इस दुर्घटना में कई लोगों की जान चली गई है।
आयोग ने एक बयान में कहा, ”चक्रवात के बनने से पहले और बनने के दौरान यदि सभी संबंधित एजेंसियां सुरक्षा मानकों का पालन करतीं तो लोगों की कीमती जान बचाई जा सकती थी।”
बयान में कहा गया है एनएचआरसी 17 मई को अरब सागर में पी305 बजरे के डूबने से 49 कर्मियों की मौत के बाद भारत में नाविकों के अधिकारों को लेकर बहुत चिंतित है।
आयोग ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पोत परिवहन महानिदेशक, ओएनजीसी अधिकारियों और तटरक्षक बल को ”जानकारी थी कि चक्रवात ताउते के मद्देनजर बजरे पर सवार कर्मियों की जान को खतरे की आशंका है, लेकिन लगता है कि उसने पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर लाने के लिये कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया और वे असहाय रहे। यह पीड़ितों के जीवन के अधिकारों के घोर उल्लंघन का मामला है।”
तदनुसार, आयोग ने केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम के चेयरमैन, भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक और पोत परिवहन, मुंबई के महानिदेशक को नोटिस भेजकर छह सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।