श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर घाटी में विध्वंसकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से अलगाववादियों को कथित रूप से धनराशि मिलने के मामले की जांच शुरू कर दी है। घाटी में हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने आज अपनी ‘मजलिस शौरा’ की आपात बैठक भी बुलाई है।
एनआईए ने कांफ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी समेत अलगावादी नेताओं,पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख नईम अहमद खान,फारूक अहमद डार के अलावा तहरीक-ए-हुर्रियत के गाजी जावेद बाबा के खिलाफ मामले दर्ज किये हैं। नईम खान समेत कुछ अलगाववादी नेताओं ने हाल ही में एक टेलीविजन चैनल के ङ्क्षस्टग ऑपरेशन के दौरान कथित रूप से यह स्वीकार किया था कि अलगाववादियों को पथराव करने तथा सुरक्षा बलों पर हमले एवं संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से धनराशि प्राप्त हो रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू करने के लिए एनआईए की टीम कल यहां पहुंची थी। कुछ अलगाववादी नेताओं की यह बात स्वीकार करना कि सीमा पार से धनराशि भेजी जा रही है ताकि लोगों को हिंसा के लिए भड़काया जा सके, पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कल कहा था कि इस मामले में संबद्ध एजेंसियों को जो भी कार्रवाई करनी है वे अपने स्तर पर निर्णय लेंगी और लोगों की हत्याएं करने वालों से निपटेंगीं।
कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों, पथराव और विरोध प्रदर्शनों की घटनाओं में अचानक इजाफा हुआ है। पिछले कुछ महीनों के दौरान 50 से अधिक युवा आतंकवाद के रास्ते पर जा चुके हैं। इस बीच हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए ‘मजलिस शौरा’ की एक आपात बैठक बुलाई है।
नजरबंद गिलानी के घर होगी हुर्रियत की बैठक
हुर्रियत प्रवक्ता ऐजाज अकबर ने बताया कि पिछले एक वर्ष से घर पर नजरबंद गिलानी के हैदरपुरा स्थित घर यह बैठक होगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इस संबंध में एनआईए ने गिलानी या किसी अन्य नेता से कोई संपर्क नहीं किया है। हालांकि प्रवक्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग वर्ष 1947 से अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे है और यह केवल लोगों के संघर्ष को बदनाम करने का प्रयास है। पहले भी इस तरह के प्रयास किये जाते रहे हैं।