पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपियों आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी के पासपोर्ट रद्द कर दिये गए हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय की सलाह पर मंत्रालय ने 16 फरवरी से चार सप्ताह के लिये तत्काल प्रभाव से उनके पासपोर्ट की वैधता निलंबित कर दी थी और उन्हें जवाब देने के लिये एक सप्ताह का वक्त दिया था कि क्यों न उनके पासपोर्ट जब्त कर लिये जाएं या रद्द कर दिये जाएं।
मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, “चूंकि उन्होंने अब तक जवाब नहीं दिया है इसलिये उनके पासपोर्ट रद्द कर दिये गए हैं।” मोदी और चोकसी को दिये गए नोटिस में मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि अगर वे जवाब देने में विफल रहते हैं तो उनके पासपोर्ट रद्द कर दिये जाएंगे। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि भावी कार्रवाई जांच एजेंसियों की सलाह पर की जाएगी।
बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी से पूछताछ
वही, इस मामले में बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता और कार्यकारी निदेशक के वी ब्रह्माजी राव से पूछताछ की। अधिकारियों ने कहा कि पीएनबी अधिकारियों से पूछताछ में यह समझने का प्रयास किया गया है कि बैंक ने कैसे इस घोटाले को पकड़ा। साथ ही अन्य प्रक्रियागत मुद्दों और उल्लंघनों के बारे में भी समझने का प्रयास किया गया।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मेहता और ब्रह्माजी राव से पूछताछ अभियुक्त के रूप में नहीं की गई। आरोप है कि मामा भांजे मेहुल चौकसी और नीरव मोदी की जोड़ी को धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से 293 गारंटी पत्र जारी किये गये। अधिकारियों ने इस बारे में और ब्योरा देने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले में गिरफ्तार 12 और आरोपियों से भी पूछताछ चल रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने पहली बार पीएनबी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ की है। यह घोटाला छह साल तक पकड़ में नहीं आ सका। इससे देश की पूरी बैंकिंग प्रणाली पर सवाल उठने लगा है।
पीएनबी की वेबसाइट के अनुसार राव एकीकृत जोखिम प्रबंधन प्रभाग, ऋण (परिचालन0 50 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज वाले खातों की निगरानी (स्टाक आडिट और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा), औद्योगिक पुनर्वास आदि के प्रभारी हैं। राव ने 1982 में विजया बैंक से परवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में शुरुआत की थी। मेहता ने 1982 में कृषि फील्ड अधिकारी के रूप में इलाहाबाद बैंक से शुरुआत की थी। सीबीआई ने इस मामले में अभी तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत के बाद धोखाधड़ी सामने आने पर कई जांच एजेंसियां मोदी, चोकसी और अन्य के खिलाफ जांच कर रही हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से राष्ट्रीयकृत बैंक को 11 हजार 400 करोड़ रुपये का चूना लगाया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने मामले में दो-दो प्राथमिकियां दर्ज की हैं। मोदी और चोकसी के बारे में कहा जाता है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किये जाने से पहले ही दोनों देश छोड़ चुके हैं।
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