देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवम् हत्या मामले के गुनाहगार मुकेश के भाई सुरेश की ओर से उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई।
सुरेश की ओर से वकील एम। एल। शर्मा ने याचिका दायर की। श्री शर्मा का आरोप है कि इस मुकदमे में मुकेश के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त वकील वृंदा ग्रोवर ने उस पर दबाव डाल कर क्यूरेटिव याचिका दाखिल करवाई।
एम. एल. शर्मा के मुताबिक क्यूरेटिव पेटिशन दायर करने की समय सीमा तीन साल थी, जिसकी जानकारी मुकेश को नहीं दी गयी। इसलिए मुकेश को नए सिरे से क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका दिया जाए।
इस याचिका पर नौ मार्च को सुनवाई हो सकती है। पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के गुनहगारों के लिए 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया है।
इससे पहले निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ नए सिरे से डेथ वारंट जारी किया है। चौथे डेथ वारंट के तहत आरोपियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है । दिल्ली सरकार की ओर से नई तारीख की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी । निर्भया मामले में दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं और इसके साथ ही फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो चुका है।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी थी। जिसके बाद नया डेथ वारंट जारी करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर किए गयी थी। दोषियों के वकील ने माना कि फांसी की तारीख तय करने की राह में कोई कानूनी बाधा नहीं है।
वहीं नया डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि “आशा करती हूं कि यह अंतिम तारीख होगी और 20 मार्च को उन्हें फांसी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों को फांसी नहीं होती, संघर्ष जारी रहेगा। निर्भया की मां ने डेथ वारंट पर ख़ुशी जाहिर करने हुए बोली 20 मार्च की सुबह हमारे जीवन का सवेरा होगा ।”