वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को विभिन्न मंत्रालयों से पूंजी व्यय में वित्त वर्ष के शुरू में ही तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार के लिए पूंजी व्यय महत्वपूर्ण है। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ‘ऑनलाइन’ बैठक के दौरान आगे बुनियादी ढांचा क्षेत्र की रूपरेखा पर चर्चा की गई। उन्होंने मंत्रालयों को अपने पूंजी व्यय को बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्हें अपने पूंजी खर्च के लक्ष्य से अधिक व्यय का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ने को कहा।
वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 5.54 लाख करोड़ रूपए का पूंजी परिव्यय का लक्ष्य रखा गया गया, जो 2020-21 के बजट अनुमान से 34.5 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बजट में पूंजी व्यय बढ़ाने का जो लक्ष्य है, उसे पूरा करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैठक में मंत्रालयों और उनके केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) की पूंजी व्यय योजनाओं, बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन की स्थिति और बुनियादी ढांचा निवेश में तेजी लाने के उपायों पर चर्चा हुई।
वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालयों को नवीन माध्यमों से परियोजनाओं के वित्त पोषण को लेकर सक्रिय रूप से काम करना है। साथ ही बुनियादी ढांचा व्यय बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को हर सहयोग देना है। इसके अलावा, मंत्रालयों को व्यवहारिक परियोजनाओं के लिए पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) संभावना तलाशने की भी जरूरत है। मंत्री ने मंत्रालयों और उनके लोक उपक्रमों से एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के बकाये का निपटान सुनिश्चित करने को कहा।
आधिकारिक बयान के अनुसार यह मंत्रालयों/विभागों के साथ वित्त मंत्री की चौथी समीक्षा बैठक और बजट 2021-22 प्रस्तुत करने के बाद भविष्य के बुनियादी ढांचा रूपरेखा पर प्रस्तावित बैठकों की श्रृंखला में दूसरी बैठक है। बैठक में वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, सार्वजनिक उपक्रम विभाग में सचिव, विद्युत सचिव और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व इन दोनों मंत्रालयों के सीपीएसई के सीईओ के साथ ही चेयरमैन ओर प्रबंध निदेशक शामिल हुए।