दो दिन के लिए बैंकों द्वारा की गई हड़ताल के बाद ग्राहकों को काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, बैंककर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ अपने गुस्से को केंद्र सरकार के सामने साफ़ तौर पर ज़ाहिर किया है जिसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से इस संबंध में बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि देश के सभी बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा और जिन बैंकों का निजीकरण होगा भी तो उनके सभी कर्मचारियों के हितों की रक्षा जाएगी।
सीतारमण ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया है कि जिन 2 बैंकों के निजीकरण का फैसला लिया गया है वह काफी सोच समझ कर लिया गया है और इस निर्णय में किसी भी तरह जल्दबाज़ी नहीं दिखाई गई है। सरकार की इसकी पीछे की मंशा यह है कि सभी बैंक देश की आकांक्षाओं पर खरा उतरें। यह बयान बैंकों की हड़ताल के बाद सामने आया, आपको बता दें कि यह हड़ताल का नेतृत्व यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन ने किया है, इसमें 9 बड़े बैंक यूनियन भी शामिल है।