कोरोना वायरस (कोविड-19) का कहर देश भर में फैल चुका है। इस महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए सरकार के तरफ से हर संभव प्रयास किया जा रहा है लेकिन संक्रमितों का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या में बेशक बढ़ोतरी हो रही है लेकिन इनमें अब जल्द ही किसी भी दिन से स्थिरता आनी शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लॉकडाउन को दो सप्ताह और बढ़ाने का मकसद पहले और दूसरी चरण के दौरान हुए लाभ को और मजबूत करना है। पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में अचानक हुई बढ़ोतरी इस संक्रमण के संरोधन की हमारी नियंत्रण नीति के हिसाब से सीमा में है। पॉल ने लॉकडाउन को बढ़ाकर 17 मई तक करने के फैसले के पीछे उद्देश्य बताते हुए कहा कि देश को पिछले लॉकडाउन से जो लाभ हुआ है, उसे मजबूत करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि बंद का मकसद वायरस के ट्रांसिमशन की श्रृंखला को तोड़ना है। यदि हम आगे बंद नहीं करेंगे, तो हम लाभ गंवा देंगे। पॉल कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनाए गए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन योजना पर अधिकार प्राप्त समूह के प्रमुख हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जहां स्थिति बेहतर है, वहां बंद को सावधानी और सतर्कता के साथ खोला जाएगा। भारत संक्रमण के सामुदायिक प्रसार के दौर में पहुंच गया है, इस पर पॉल ने कहा कि अभी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की संख्या काबू में माना जा सकता है।
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पॉल ने कहा कि भारत कहीं भी लॉकडाउन से पहले हो रहे कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के नजदीक नहीं पहुंचा है। लॉकडाउन से पहले देश में कोरोना वायरस के मामले प्रत्येक पांच दिन में दोगुना हो रहे थे। उससे पहले तो ऐसा तीन दिन में हो रहा था। अब 11-12 दिन में ऐसा हो रहा है। नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि “कुल मिलाकर वायरस फैलने का आंकड़ा कमजोर हुआ है, लेकिन अभी यह स्थिर नहीं हुआ है। लेकिन हमें उम्मीद है कि अब यह किसी भी समय स्थिर हो जाएगा।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रविवार तक देश में कोविड-19 से 1,301 लोगों की मृत्यु हुई है।
कोविड-19 संक्रमित लोगों की संख्या 39,980 पर पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने तीन मई के बाद लॉकडाउन को दो सप्ताह बढ़ाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 25 मार्च से 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी। जिसे बाद में 19 दिन और बढ़ा दिया गया था। अब इसे दो सप्ताह और 17 मई तक बढ़ाया गया है। कई विशेषज्ञों ने चेताया है कि लॉकडाउन से आर्थिग गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ऐसे में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में काफी समय लगेगा। कई रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर में बड़ी गिरावट का भी अनुमान लगाया है।