देश एक तरफ कोरोना महामारी ने उत्पात मचा तो वहीं लॉकडाउन में कमर तोड़ महंगाई आम लोगों के जीवन पर असर डाल रही है। कोरोना के मद्देनजर लगे लॉकडाउन के चलते कंपनियां, फैक्ट्रियां और उद्योग-धंधे चौपट हो गए हैं। इसी बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने निश्चित तौर पर अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-2022 की जीडीपी अनुमान को 10.5% से घटाकर 9.5% कर दिया है। जो पहली तिमाही में हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली है। उन्होंने कहा कि इसको सुधरने में वक़्त लगेगा।
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उन्होंने कहा, जून से अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से बढ़नी चाहिए उस अनुपात में तो नहीं बढ़ेगी, लेकिन स्थिति में सुधार जरूर आएगी। उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर से देश बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लोग इससे काफी सहमे और डरे हुए हैं, लेकिन टीकाकरण होने के बाद लोगों के अंदर से डर खत्म हो जाएगा और लोग अपने काम पर लौटेंगे।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने सरकार को अधिक निवेश करने, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च करने के लिए मजबूर किया है, लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि हमारा जीएसटी संग्रह बढ़ा है।
पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी पर उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि पेट्रोल-डीजल कि कीमतों में वृद्धि के बारे में केंद्र को कुछ करना चाहिए, लेकिन हमें संतुलन की भी जरूरत है। महंगाई पर नियंत्रण की जिम्मेदारी सरकार की है और उम्मीद है कि जिन पर यह जिम्मेदारी होगी वे संतुलन बनाएंगे।