केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में लंबे समय से व्याप्त क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करेंगे। गडकरी ने साथ ही कहा कि एम्स की संख्या दोगुनी करने से लोगों की आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री एम्स, नागपुर के तीसरा स्थापना दिवस पर आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में बोल रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार भी शामिल थीं। एक बयान में गडकरी के हवाले से कहा गया, ‘‘विदर्भ क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, नागपुर में एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की स्थापना के साथ, मध्य भारत के सभी सीमावर्ती राज्यों के रोगियों को सस्ती और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इन सुविधाओं का लाभ न केवल शहरों बल्कि हमारे क्षेत्र के दूरदराज के गांवों के लोगों तक भी पहुंचे।’’
बयान के अनुसार मंत्री ने कहा कि हाल ही में बनाए गए एम्स संस्थान लंबे समय से क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान एम्स की संख्या को दोगुना करने से देश की आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकेगा। पवार ने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि आजादी के इतने दशकों बाद भी देश में सिर्फ 6 एम्स बने। इसके बाद साल 2014 में सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हर राज्य में एम्स विकसित करने की नीति विकसित की।’’
पवार ने मेडिकल छात्रों और समुदाय को सलाह दी कि चिकित्सा उपचार की तरह रोगियों की भावनात्मक देखभाल भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सहानुभूति के साथ रोगी की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना और उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करने से समग्र रोगी अनुभव महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एम्स, नागपुर सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर संस्थान की पत्रिका अभिज्ञानम के शुरुआती अंक का भी विमोचन किया गया।