केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से निर्णय प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों से फाइलों का निपटारा तीन दिन में करने को कहा है। साथ ही गडकरी ने चेताया है कि जो अधिकारी काम नहीं करेंगे, उन्हें जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
गडकरी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने मंत्रालय के नकारा अधिकारियों की सूची मांगी है ताकि उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सके। इससे एक दिन पहले सोमवार को भी गडकरी ने काम नहीं करने वाले अधिकारियों को आगाह किया था। उन्होंने कहा था कि ये अधिकारी न तो स्वयं निर्णय लेते हैं और न ही दूसरे को काम करने देते हैं।
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ऐसे अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘मैं वैसे लोगों को पसंद करता हूं जो निर्णय करते हैं। कुछ गलतियां हो सकती हैं जो अपराध नहीं है लेकिन महीनों और वर्षों तक फाइलें दबाकर रखने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा…मैंने सचिव से जबरन सेवानिवृत्ति को लेकर अधिकारियों की सूची देने को कहा है।’’
मंत्री ने कहा कि फाइलों को निकालने में अधिकारियों की सुस्ती की वजह से परियोजनाएं अटकती हैं। फाइलों को दबाकर बैठने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। गडकरी ने कहा कि वित्तीय आडिट जरूरी है, लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण कार्य प्रदर्शन का आडिट है। ‘‘निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होनी चाहिए, लेकिन ऐसे भी अधिकारी हैं जो फाइलें दबाकर बैठे रहते हैं।