पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकआस्था का महापर्व छठ से पूर्व दानापुर से पटना सिटी तक गंगा के सभी घाटों का आज दुबारा निरीक्षण कर सफाई, सुरक्षा व्यवस्था तथा स्वच्छता के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये। कुमार ने गंगा नदी में स्टीमर से दानापुर के नासरीगंज से पटना सिटी के कंगन घाट तक का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को छठव्रतियों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इसकी समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये। हालांकि वह गंगा तटों पर किये जा रहे छठ घाटों की अब तक की तैयारी से संतुष्ट नजर आये और मौके पर मौजूद वुडको एवं नगर निगम के अधिकारियों को घाटों तक संपर्क पथ, बिजली एवं साफ-सफाई का समुचित इंतजाम करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने पाटीपुल एवं एलसीटी घाट के निरीक्षण के क्रम में कहा कि अभी इसमें और अधिक सुधार करने की जरूरत है। उन्होंने सीढ़ और ढाल को ठीक कराने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन घाटों पर सीढ़नुमा ढाल नहीं है, वहां अच्छे से स्लोप बनाया जाये ताकि व्रतियों को घाटों तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो। इसके लिय कुछ घाटों को चिन्हित भी किया गया है। इसके अलावा घाटों तक जाने के लिए पहुंच पथ भी दुरूस्त किये जाये। श्री कुमार ने पाटीपुल घाट का निरीक्षण करने के क्रम में कहा कि नदी के जलस्तर को देखकर वहां बैरिकेटिंग सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि जहां श्रद्धालु भारी संख्या में अर्घ्य देने आते हैं वहां उनकी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाये। उन्होंने कहा कि छठ व्रती के अतिरिक्त दूसरे परिवार के श्रद्धालु आते हैं, इसके कारण होने वाली भीड़ को देखते हुये आवागमन को भी दुरुस्त रखना जरूरी है।
निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, पटना की महापौर सीता साहू, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य उदयकांत मिश्र, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी। के। ठाकुर, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीष चन्द्रा एवं मनीष कुमार वर्मा, पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल एवं वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज के साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। वहीं, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गांधी घाट से लेकर छह घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस साल छठ घाटों पर चिकित्सकों की 120 टीमें तैनात रहेंगी और उनकी सहायता के लिए 211 पारा मेडिकल कर्मचारी एवं 33 एंबुलेंस को लगाया जाएगा। पर्व के दौरान किसी तरह की अफवाह न फैले, इसलिए सही जानकारी के लिए सूचना तंत्र को हाईटेक करते हुए मोबाइल ऐप जारी किये गए हैं। जीपीआरएस नेविगेशन सिस्टम से भी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। पूजन-सामग्री से कचरा न फैले, इसके लिए स्थान तय किये गए हैं।
दमकलों को हर वक्त तैयार रहने को कहा गया है। मोदी ने कहा कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ छठ पर्व की सारी व्यवस्था सिखों के 10वें गुरू गोविंद सिंहजी के प्रकाश पर्व के उच्चतम मानक के आधार पर की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शहर के 23 तालाबों को अर्घ्य देने के लिए उपयुक्त बनाया जा रहा है। अर्घ्य के दौरान होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए वाटर एम्बुलेंस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैयार रहेंगी। उन्होंने कहा कि पर्व के दौरान 200 नौका गंगा नदी में गश्त पर रहेगी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2005 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग)सरकार से पहले जहां पटना के छठ घाटों की व्यवस्था मात्र 20 लाख रुपये के बजट का प्रावधान कर नगर निगम के हवाले छोड़ दी जाती थी, ठेकेदारों को वर्षों तक भुगतान नहीं किया जाता था और पूजा समितियों के सीमित साधन के भरोसे लोग छठ करते थे वहीं अब छठ पर्व को राजग सरकार ने स्टेट-इवेंट की तरह गंभीरता से लिया है। श्री मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बांस घाट पर, जहां गंगा नदी मूल तट से दो किलोमीटर दूर चली गई हैं, वहां पहुंच पथ को और सुगम बनाया जाये। घाट निरीक्षण के समय स्थानीय विधायक नितिन नवीन, नगर निगम के आयुक्त अभिषेक कुमार, जिलाधिकारी संजय अग्रवाल और वुडको के प्रबंध निदेशक अमरेंद, कुमार भी उपस्थित थे।