पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया बयान पर पलटवार करते हुए आज कहा कि सोशल मीडिया की आलोचना करने से पहले नीतीश कुमार को अपनी सरकार की नाकामियों को पहचाने की जरूरत है। श्री यादव ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री आजकल स्वयं से खफ़ा चल रहे है।
कब, क्या और क्यों बोल रहे है इसका उन्हें आभास ही नहीं रहता। पिछले दिनों उनकी सोशल मीडिया को लेकर झुंझलाहट और खीझ सबको समझ में आती है। दरअसल प्रायोजित तौर-तरीक़ से मुख्यमंत्री श्री कुमार कुछ मीडिया को ‘मैनेज और एडिट’ करके ही अपना महिमामंडन करवाते आए हैं।
इससे वो सुशासन बाबू भी बन गए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की आलोचना को उनकी पार्टी की आलोचना के रूप में दिखा दिया जाता है। यहां तक कि नेता विरोधी दल के बयानों को भी कम से कम जगह दे कर निपटवा दिया जाता है। नेता विरोधी दल जब नीतीश कुमार लिखते है तो सुबह अ़खबार में जदयू लिखा पाया जाता है। यह सहूलियत जब सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री को नहीं मिलती तो वे सोशल मीडिया को कोसते हैं।
श्री यादव ने सोशल मीडिया को स्वतंत्र लोकतांत्रिक मीडिया बताया और कहा कि मीडिया के इस नये स्वरूप में हर नागरिक एक पत्रकार है, आलोचक है, एडिटर है और मत निर्माता है। सोशल मीडिया में कुछ खामी हो सकती है लेकिन वहां किसी पर अपने पद या रसूख के बल पर जोर जबरदस्ती, लालच और भय का माहौल खड़ा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि श्री कुमार पुरानी पीढ़ी के रूढ़िवादी नेता है। वह आज के युवाओं की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को नहीं समझते इसलिए टेक्नॉलोजी के प्रयोग को लेकर जान बूझकर संकीर्ण बयानबात्री करते रहते हैं।
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