दरभंगा : पूर्व केन्द्रीय मंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने बिहार सरकार के दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन के लिए आज बनाये गये मानव श्रृंखला को विफल बताते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार स्वयं सेवी संगठनों का काम कर रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता श्री फातमी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केन्द्र सरकार स्वच्छता और योग में लगी है, वहीं बिहार की नीतीश सरकार दहेज प्रथा, बाल विवाह एवं शराब बंदी में लगी है।
उन्होंने कहा कि दोनों सरकारें स्वयं सेवी संगठनों के तरह काम कर रही है जिसके कारण देश और राज्य में विकास का काम पूरी तरह ठप्प है। बाल-विवाह और दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए लोगों को शिक्षित करना जरुरी है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार को इन सामाजिक कुरीतियों को रोकने के लिए पहले से बने कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सलमान खान के झाड़ू लगाने से सफलता नहीं मिलेगी, इसके लिए सरकार को इस काम में लगे सरकारी संस्थानों को और अधिक संसाधन एवं मानव बल दिए जाने की जरूरत है। श्री फातमी ने कहा कि शराबबंदी जरूरी है पर यह पूरे देश में लागू होना चाहिए। उन्होंने देश के शराब कारखानों को बंद कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी दिखावा है और इस तरह का दिखावा बंद होना चाहिए। बिहार में पूर्ण शराब बंदी का हाल यह है कि अब शराब की होम डिलीवरी हो रही है। शराबबंदी के नाम पर हजारों लोगों को जेल मे बंद कर दिया गया है।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।