केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने 2017 से ‘राजनीतिक कारणों के लिए हत्या के मकसद’ के तहत दर्ज मामलों और संबंधित आंकड़े एकत्रित करना शुरू किया है और इन तीन वर्षों में देशभर में इस तरह के 213 मामले दर्ज किये गये। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में भागीरथ चौधरी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। प्रश्न में राजनेताओं की हत्याओं से संबंधित दर्ज किये गये मामलों की संख्या और गिरफ्तार किये गये आरोपियों की संख्या का ब्योरा पूछा गया था।
राय ने जवाब में कहा, ‘‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ‘राजनेताओं की हत्या’ से संबंधित आंकड़े पृथक रूप से नहीं रखता है।हालांकि एनसीआरबी ने 2017 से ‘राजनीतिक कारणों के लिए हत्या के मकसद’ के तहत दर्ज मामलों और पीड़ितों से संबंधित आंकड़े एकत्रित करना शुरू कर दिया है।’’ लोकसभा में दिये गए लिखित उत्तर के अनुसार, एनसीआरबी के 2019 तक के आंकड़े उपलब्ध हैं और 2017 से लेकर 2019 तक देश में ‘राजनीतिक कारणों के लिए हत्या के मकसद’ के तहत कुल 213 मामले दर्ज किये गये।
इनमें सर्वाधिक 98 मामले 2017 में दर्ज किये गये। 2018 में 54 और 2019 में 61 ऐसे मामले दर्ज किये गये। आंकड़ों के अनुसार तीनों सालों में ऐसे मामलों में पीड़ितों की कुल संख्या 230 रही। 2017 में ऐसे सर्वाधिक मामले झारखंड में दर्ज हुए जिनकी संख्या 42 रही। इनमें पीड़ितों की संख्या भी 42 रही। 2018 में इस तरह के सर्वाधिक मामले बिहार में दर्ज किये गये जिनमें प्रकरण और पीड़ितों की संख्या नौ-नौ रही।