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कोविड-19 के देशभर मे फैलने की आशंका, निजामुद्दीन से जुड़े संदिग्ध मामलों की देशभर में तलाश शुरू

प्राधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में इस महीने की शुरुआत में आयोजित हुई बड़ी धार्मिक सभा में भाग लेने वाले लोगों की मंगलवार को देशभर में तलाश शुरू कर दी।

प्राधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में इस महीने की शुरुआत में आयोजित हुई बड़ी धार्मिक सभा में भाग लेने वाले लोगों की मंगलवार को देशभर में तलाश शुरू कर दी। 
यह इलाका देश में इस घातक वायरस का नया केंद्र बन गया है और धार्मिक सभा में शामिल हुए हजारों लोगों के कारण इस कोविड-19 के देशभर मे फैलने की आशंका पैदा हो गई है। 
ऐसा बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन में मध्य मार्च में आयोजित तबलीगी जमात में भाग लेने वाले हजारों लोग अपने घरों को लौट गए हैं और तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और गुजरात समेत देश के लगभग हर राज्य से इस कार्यक्रम में लोग भाग लेने आए थे। इनमें से कई राज्यों में तबलीगी जमात संबंधी कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आए हैं। 
दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और बिहार समेत कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कई मामले दर्ज किए गए। देशभर में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,400 के पार हो गई है और कम से कम 45 लोगों की इससे मौत हो गई है। 
लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की समेकित आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है और 1,397 लोग संक्रमित हैं। इसमें सोमवार रात से पंजाब में हुई दो लोगों की मौत, और महाराष्ट्र में एक व्यक्ति की मौत शामिल है। इसमें निजामुद्दीन में धार्मिक सभा में शामिल होने वाले छह लोगों की तेलंगाना में हुई मौत का आंकड़ा शामिल नहीं हैं। 
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 1,238 लोगों का कोरोना वायरस के कारण इलाज चल रहा है जबकि 123 लोगों का या तो उपचार हो गया है या उनकी अस्पताल से छुट्टी हो गई है और एक व्यक्ति देश से बाहर चला गया हैं 
इस बीच, केंन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि कोरोना वायरस की समस्या से निबटने के लिये सरकार द्वारा समय रहते उठाये गये एहतियाती कदमों की वजह से अभी तक इसे नियंत्रित किया जा सका है लेकिन इस समय इस चुनौती से निबटने के मामले में फर्जी खबरें एकमात्र सबसे बड़ी बाधक बनी हैं। 
केन्द्र ने शीर्ष अदालत में मंगलवार को कोरोना वायरस और इससे जुड़े मुद्दों से निबटने के लिये अब तक उठाये कदमों की जानकारी देते हुये एक हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे के साथ न्यायालय में पेश स्थिति रिपोर्ट में केन्द्र ने कहा है कि उसने जांच की क्षमता बढ़ाई है और इस महामारी को देश में फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिये 40,000 वेंटिलेटर खरीदने का आदेश भी दिया है। 
न्यायालय ने केन्द्र को निर्देश दिया कि खबरों के माध्यम से फैलायी जा रही दहशत पर काबू पाने के लिये 24 घंटे के भीतर कोरोना वायरस महामारी के बारे में सही सूचनायें उपलब्ध देने वाला एक पोर्टल शुरू करे। न्यायालय ने कहा कि वायरस से कहीं ज्यादा, यह दहशत लोगों की जिंदगी बर्बाद कर देगा। 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिये लागू किये गये देशव्यापी लॉकडाउन का पालन ठीक से नहीं होने के कारण मामले बढ़ रहे हैं। इनके साथ ही संक्रमण के खतरे वाले इलाके (हॉटस्पॉट) भी बढ़ रहे हैं। 
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जिस इलाके से संक्रमण का एक भी मामला सामने आता है, उसे पृथक हॉटस्पॉट के रूप चिह्नित कर उस इलाके में रोकथाम के उपाय तेज कर दिये जाते हैं। 
अग्रवाल ने संक्रमण के मामले रोकने के लिये लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने को ही एकमात्र उपाय बताते हुये कहा कि इसकी रोकथाम के लिये सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिये विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने तुर्की, दक्षिण कोरिया और वियतनाम के आपूर्तिकर्ताओं से संपर्क स्थापित किया है। 
अग्रवाल ने बताया कि मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण के बारे में प्रमाणिक जानकारी लोगों को अवगत कराने के लिये ऑनलाइन परामर्श केन्द्र भी शुरु करने की पहल की है। इसे अगले 24 घंटों में शुरु कर दिया जायेगा।  
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में निजामुद्दीन पश्चिम में तबलीगी जमात के मरकज़ में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले 24 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। 
अपने आवास पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “आयोजन में भाग लेने वाले सात सौ लोगों को पृथक कर दिया गया है जबकि 335 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।” 
हालांकि अग्रवाल ने कहा कि यह दोष खोजने नहीं, बल्कि कार्रवाई करने का समय हैं 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कार्यक्रम के आयोजकों की निन्दा की और कहा कि इन लोगों ने महामारी के चलते दूसरे देशों में हजारों लोगों की मौत को देखते हुए ऐसे समय में इस तरह का धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर बहुत ही ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ काम किया है। 
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि इस साल एक जनवरी से देश में तबलीगी गतिविधियों के लिये 2,100 विदेशी भारत आए और उनमें से सभी ने पहले दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित उसके मुख्यालय में आमद दर्ज कराई। निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मुख्यालय से कोरोना वायरस के कई मामले सामने आए हैं। 
गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि कुल 303 तबलीगी कार्यकर्ताओं में कोविड-19 के लक्षण थे और उन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है। 
एक बयान में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अब तक तबलीगी जमात के 1,339 कार्यकर्ताओं को नरेला, सुल्तानपुरी और बक्करवाला पृथक केंद्रों के अलावा दिल्ली के एलएनजेपी, आरजीएसएस, जीटीबी, डीडीयू अस्पतालों के साथ ही एम्स, झज्जर (हरियाणा) भेजा गया है। 
बाकी लोगों की अभी कोविड-19 संक्रमण को लेकर चिकित्सा जांच की जा रही है। 
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 21 मार्च तक उनमें से लगभग 824 देश के विभिन्न हिस्सों में चले गए, 216 निजामुद्दीन मरकज में रह रहे हैं, जिनमें से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। 
इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यामां, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत विभिन्न राष्ट्रों से लोग तबलीगी गतिविधियों के लिये आते हैं। 
उसने कहा कि 28 मार्च को सभी राज्यों की पुलिस से कहा गया है कि वे स्थानीय समन्वयक से सभी तबलीगी कार्यकर्ताओं के नामों की सूची तैयार करें, उनका पता लगाएं और चिकित्सा जांच के बाद उन्हें पृथक करें। 
बयान में कहा गया, “अब तक विभिन्न राज्यों में ऐसे 2,137 लोगों की पहचान हुई है।” 
उन्हें पृथक किया गया है और उनकी जांच की जा रही है। यह प्रक्रिया अब भी चल रही है तथा ऐसे और लोगों की पहचान कर उनका पता लगाया जाएगा। 
कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और मणिपुर समेत विभिन्न राज्य सरकारों ने कहा है कि वे इस कार्यक्रम में भाग लेने वालों का पता लगाने की कोशिश कर रहे है। 
कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने से पहले श्रीनगर के एक कारोबारी ने निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया था और जम्मू कश्मीर वापस लौटने से पहले उसने हवाई, रेल और सड़क मार्ग से दिल्ली और उत्तर प्रदेश की यात्रा की थी, जिससे इस बात का डर है कि रास्ते में उससे कई और लोग संक्रमित हुए होंगे। 
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि इस व्यक्ति के जरिए संक्रमित होने वालों में संभवत: जम्मू-कश्मीर का एक डॉक्टर भी शामिल है जो फिलहाल जम्मू के एक अस्पताल में अपनी जिंदगी के लिए जूझ रहा है। 
श्रीनगर के इस कारोबारी की मौत 26 मार्च को हुई थी। वह इससे ठीक 19 दिन पहले दिल्ली के लिए रवाना हुआ था। 
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले छह लोगों की सोमवार को तेलंगाना में मौत हो गई थी। 
अधिकारियों ने बताया कि आंध्र प्रदेश में जिन 40 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है उनमें से आधे से ज्यादा लोगों का संबंध कथित रूप से तबलीगी जमात से है और उन्होंने 13-15 मार्च के बीच दिल्ली में धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया था। 
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की कुल संख्या करीब 100 हो गई है जबकि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के 72 नए मामले मंगलवार को सामने आए जिसके बाद राज्य में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 302 तक पहुंच गई। 
केरल में सात नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 215 हो गई। 
पश्चिम बंगाल और पंजाब समेत कई राज्यों में मौत के मामले सामने आए। 

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