आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश का मानना है कि कांग्रेस या भाजपा के बिना किसी भी वैकल्पिक मोर्चे का अस्तित्व में आना ”असंभव” है। नारा लोकेश पहली बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। लोकेश ने हालांकि कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सहित क्षेत्रीय दलों को अगर लोकसभा चुनाव में अच्छी सीटें मिलती हैं तो राष्ट्रीय पार्टियों को समर्थक दल की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
नारा लोकेश ने कहा, ”सभी गठबंधनों के पास या तो भाजपा है या कांग्रेस है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय पार्टियों की अहम भूमिका है। इसलिए, मेरा मानना है कि कांग्रेस या भाजपा के बिना किसी वैकल्पिक मोर्चे का कोई अस्तित्व नहीं है। इसकी कल्पना करना भी असंभव है।”
लोकेश मंगलगिरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। तेदेपा 1985 से लगातार इस सीट से हारती रही है। उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी वायएसआरसीपी के विधायक अल्ला रामकृष्ण रेड्डी हैं, जिन्होंने 2014 में तेदेपा के उम्मीदवार को 12 वोटों से मात दी थी। लोकेश ने तेदेपा की बड़ी जीत का पूर्वानुमान लगाते हुए कहा कि पार्टी विधानसभा की 175 में से 125 और लोकसभा की 25 में से 18-20 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। नव गठित आंध्र प्रदेश में पहली बार लोकसभा और विधानसभा एक साथ होने जा रहे हैं।
सत्ता विरोधी लहर पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ”विपक्ष का दावा है कि यहां सत्ता विरोधी लहर है लेकिन उसके पास कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं है।” साथ ही उन्होंने कहा कि वायएसआरसीपी केवल तेदेपा रैलियों की आलोचना करती है। नारा लोकेश ने कहा, ”लोग सबकुछ देख रहे हैं। अंतत: हमारे विपक्ष के पास शून्य अनुभव है। नायडू के पास 40 वर्ष का अनुभव है, लोग वास्तव में उन्हें वापस चाहते हैं।”