चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि पिछले महीने हुए बिहार विधानसभा चुनाव में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की गिनती और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों द्वारा दर्ज वोटों की गिनती में कोई अंतर नहीं पाया गया।
बिहार के 1,215 मतदान केंद्रों में वीवीपीएटी पर्चियों की गणना ईवीएम के मतों की गणना से मिलाने के लिए की गई।
आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘वे (वीवीपीएटी) पूरी तरह से ईवीएम गणना से मेल खाते हैं।’
ईवीएम गणना से वीवीपीएटी के मिलान के लिए प्रत्येक विधानसभा सीट पर पांच मतदान केंद्रों का चयन किया जाता है। 2017 गोवा विधानसभा चुनाव के बाद से सभी ईवीएम में इन मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है।