आयुध फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) तथा अन्य संबंधित संगठनों के कर्मचारियों की हड़ताल की चेतावनी के बीच सरकार ने आज स्पष्ट किया कि बोर्ड के निजीकरण का उसका कोई प्रस्ताव नहीं है और कर्मचारियों को हड़ताल का निर्णय वापस ले लेना चाहिए।
रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रक्षा उत्पादन के नेतृत्व में गठित एक समिति ने आज अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी परिसंघ, भारतीय राष्ट्रीय रक्षा कर्मचारी परिसंघ और रक्षा परिसंघ के मान्यता प्राप्त संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आज बैठक की। बैठक में ओ एफ बी के अध्यक्ष तथा श्रम और रोजगार मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल थे।
समिति ने कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को स्पष्ट किया कि सरकार के पास ओएफबी के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार इसे रक्षा क्षेत्र का सार्वजनिक उपक्रम बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है जो पूरी तरह सरकार के अधीन होगा। उसने कहा कि ओएफबी के निजीकरण की अफवाह भ्रमित करने वाली और कर्मचारियों को गुमराह करने के उद्देश्य से फैलायी जा रही हैं। नये कदम से ओएफबी भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के समकक्ष आ जायेंगी जो उनके हित में है। इस बारे में किसी भी निर्णय में कर्मचारियों के हितों का पूरा ख्याल रखा जायेगा।
सरकार की ओर से कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ गत 14 अगस्त को भी बैठक की गयी थी। कर्मचारियों के संगठनों ने आगामी 20 अगस्त से 30 दिन की हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
समिति ने कहा है कि कर्मचारियों का फैसला असाधारण है और ऐसी स्थिति में लिया जा रहा है जब सरकार उनके साथ बातचीत कर रही है और उनकी मांगों को मानने के लिए तैयार है। समिति ने कहा है कि सरकार ओएफबी को मजबूत बनाने की दिशा में निरंतर कदम उठा रही है और वह कर्मचारियों के संघों से अपील करती है कि वे प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लें।