केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि सांसद निधि (एमपीलैड) को स्थायी रूप से समाप्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है और कोविड-19 की चुनौतियों को सामना करने में प्रयासों की पुष्टि के लिये संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना का प्रचालन दो वर्ष के लिये नहीं करने का निर्णय किया गया है।
लोकसभा में तालारी रंगैय्या के प्रश्न के लिखित उत्तर में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना का प्रचालन दो वर्ष अर्थात वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान नहीं करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिये आवंटित निधियों को वित्त मंत्रालय के निपटान पर रख दिया है ताकि देश में वैश्विक महमारी और अधिसूचित आपदा के रूप में घोषित कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में इसके प्रयासों को पुष्ट किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार को सांसदों से यह अनुरोध प्राप्त हुए हैं कि 31 मार्च 2020 तक उन्हें देय लंबित किस्तों को जारी किया जाए ताकि एमपीलैड के अंतर्गत चालू कार्यो को पुन: आरंभ कर प्रतिबद्ध दायित्वों को पूरा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि जिला प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का परामर्श दिया गया है कि उपलब्ध निधियों से कार्यो को पूरा किया जाए क्योंकि वित्त वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के दौरान और अधिक निधियों को जारी नहीं किया जा सकेगा।