वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी। इसके साथ ही कर धोखाधड़ी से जुड़े ऐसे गंभीर मामलों में जहां छिपायी गयी आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, यह अवधि 10 साल होगी।
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में यह घोषणा भी की कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी। ब्याज का भुगतान करने वाले बैंक अपनी ओर से कर की कटौती कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि आकलन संबंधी मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर करदाताओं के मन में बनी अनिश्चितता को दूर करने के लिए इसकी समय सीमा पहले की छह साल से कम कर तीन साल होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कर विभाग अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की दोहरा कराधान संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिए नियमों को अधिसूचित करेगा।
उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध प्रतिभूतियों से पूंजीगत लाभ, लाभांश आय और बैंकों तथा डाकघरों से ब्याज आय के विवरण के साथ पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न जल्द ही उपलब्ध होंगे। बजट प्रस्ताव के अनुसार 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी वाले छोटे करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि 1.10 लाख करदाताओं ने कर विवादों के हल के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाया है। बजट में ‘फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल’ शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
अफोर्डेबल हाउसिंग में राहत
रियल्टी मार्केट में मांग बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को किफायती घरों की खरीद पर दिए गए ब्याज के लिए 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त कटौती को मार्च, 2022 तक बढ़ाने की घोषणा की। गौरतलब है कि 31 मार्च, 2021 को या उससे पहले स्वीकृत आवास ऋण पर अब तक की कटौती की अनुमति दी गई थी।
बहरहाल, देश में किफायती घरों की आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से बजट में 31 मार्च, 2021 तक अनुमोदित किफायती आवास परियोजना के डेवेलपर्स द्वारा अर्जित मुनाफे पर कर छूट का प्रस्ताव रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि इन उपायों से सुस्त पड़े रियल्टी क्षेत्र में डिमांड में वृद्धि देखी जाएगी।