देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। देश में जारी कोरोना संकट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह साफ कर दिया है कि प्लाजमा थेरेपी (Plasma Therapy) से कोरोना वायरस के इलाज का अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि इसे लेकर सभी दावे गलत हैं और अभी भी हम एक्सपेरिमेंटल स्टेज पर ही हैं। उन्होंने कहा कि ”यदि हम इसे (प्लाज्मा थेरेपी) सही तरीके और गाइडलाइन के तहत ना करें तो मरीज के जीवन को खतरा हो सकता है।
बुलंदशहर में साधुओं की हत्या पर CM योगी से बोले उद्धव ठाकरे-हमारी तरह लें कड़ा एक्शन
जब तक इसका प्रभाव सिद्ध नहीं हो जाता है और अप्रूव नहीं हो जाता तब तक इसको लेकर कोई दावा किया जाना गलत है। कहीं भी इस प्रकार का प्रयोग अवैध है, इससे मरीजों की जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि ICMR ने कोविड-19 के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी की प्रभावकारिता का अध्ययन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन शुरू किया है।