लुधियाना-अमृतसर: अगले महीने नवंबर में शिरोमणि कमेटी के वर्तमान प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर की कमेटी से विदाई हो सकती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एसजीपीसी अध्यक्ष प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर से ना तो शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल खुश है और ना ही बड़े बादल साहिब संतुष्ट है, इसलिए अगले महीने कमेटी प्रधान के चुनावों के दौरान अकाली दल किसी अन्य चेहरे को सामने ला सकता है। यह चर्चा उस वक्त जग जाहिर हुई जब दीवाली के पश्चात बादलों के गांव बादल स्थित रिहाइश पर हुई पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में प्रो. बडूंगर नहीं पहुंच पाएं। जबकि प्रो. बडूंगर शिरोमणि कमेटी के प्रधान होने के साथ-साथ कोर कमेटी के सदस्य भी है।
इस बैठक में अन्य के अलावा दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान मंजीत सिंह जीके भी मौजूद थे परंतु बडूंगर अनुपस्थित दिखे। हालांकि प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर उस वक्त बठिण्डा के नजदीक दमदमा साहिब में मौजूद थे, जब बादल साहिब के रिहाइशी स्थल पर महतवपूर्ण बैठक हो रही थी। अकाली दल ने गांव बादल में गुरदासपुर लोकसभा उपचुनावों में हार के कारणों पर विचार करने के लिए कोर कमेटी की बैठक बुलाई थी। सूत्रों के मुताबिक पंथक पार्टी ने काफी गंभीरता के साथ हार के पहलुओं पर विचार किया और उपचुनाव में हलकावार वोट कम होने के कारण लीडरशिप से जवाबतलबी भी की। जबकि दूसरी तरफ सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उपचुनावों में अकाली दल का ग्राफ बढ़ा है।
यह भी पता चला है कि बैठक के दौरान कांग्रेस सरकार की तरफ से 90 करोड़ रूपए की कर्जमाफी के चुनावी वायदे से मुकरने के आरोप लगाए गए जबकि पंजाब सरकार द्वारा 800 प्राइमरी स्कूलों को बंद करके नया म्यूसिपल टैक्स और पैट्रोलियम वेट पर भी चिंता प्रकट की गई। सूत्रों की मानें तो अगला अध्यक्ष दो बार कमेटी के प्रधान रह चुके लुधियाना से संबंधित अवतार सिंह मक्कड़ हो सकते है, इस संबंध में बकायदा तौर पर बातचीत का सिलसिला शुरू हो चुका है। हालांकि पहले बीबी जगीर कौर को भी पुन: कमेटी का प्रधान नियुक्त करने का फैसला लिया गया था किंतु उसपर विवादों के चलते विराम चिन्ह लगाना पड़ा। अब देखना दिलचस्प होगा कि सिख सियासत में विशेष दखलंदाजी रखने वाले बादल परिवार का अगला शतरंजी मोहरा कौन होगा?
– सुनीलराय कामरेड