श्योपुर : शहर सहित प्रदेश में मिलावटी चीजों के बढते मामलों को ध्यान में रखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग अब स्कूलों में पढने वाले बच्चों को मिलावटी चीजों की जांच करने का तरीका सिखाएगा। इसके लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी न केवल स्कूलों में जाएंगे, बल्कि बच्चों को ट्रेनिंग भी देंगे। साथ ही विद्यार्थियों के बीच पौषक आहार की जानकारी भी शेयर करेंगे। इसके बाद खुद बच्चे खाद्य सामग्री में मिलावट की जांच कर सकेंगे।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग एवं नगर पालिका प्रशासन तथा राजस्व महकमे की अनदेखी एवं उपेक्षा के चलते शहर में मिलावटी चीजों की भरमार है। इस मिलावट का असर सीधे-सीधे मानव के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। ऐसे में मिलावट की जांच के प्रति जागरूकता जरूरी है।
इसी मकसद को दृष्टिगत रखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग अपने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को स्कूलों में भेजकर पढने वाले छात्र-छात्राओं को मिलावट की जांच करने का तरीका सिखवाएगा। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
स्वच्छ भारत की तर्ज पर स्वस्थ भारत अभियान के तहत खाद्य निरीक्षक रोजमर्रा की सामग्री की मिलावट का पता करना सिखाएंगे। इसके लिए खाद्य निरीक्षक स्कूलों में जाएंगे। इस दौरान विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे। वे बच्चों को पोषक व सुरक्षित खाद्य पदार्थों के सेंपल लेने की प्रक्रिया बताएंगे। इस हेतु स्कूलों में 25 से 35 मिनट का एक सेशन होगा।
इसमें पौष्टिक खान-पान व मिलावटी सामग्री के बारे में बताया जाएगा। मिलावटी हल्दी, तेल, लाल मिर्च, आटा, दूध की पहचान करने व सेंपलिंग की प्रक्रिया भी उन्हें बताई जाएगी। दरअसल सेंपल लेते वक्त खाद्य निरीक्षक शंकास्पद मामलों में प्रारंभिक तौर पर निष्कर्ष निकाल लेते हैं। जबकि कार्रवाई लैब की अधिकृत रिपोर्ट आने पर ही होती है।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यह क्लिक करे