केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केन्द्र सरकार परिवार के छोटे बच्चों द्वारा अपने अनपढ़ बुजुर्गो को शिक्षित करने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नया अभियान जल्द शुरू करेंगे जिसमें छठी कक्षा से दसवीं तक के घर के ही छात्र अपने निरक्षर माता-पिता या दादा-दादी को पढायेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिये एक पुस्तक तैयार की जा रही है जिसमें बताया जायेगा कि छात्र को अपने अनपढ़ परिजनों को कैसे पढाना है।उन्होंने बताया कि बच्चों को परिवार में अपने निरक्षर दादा-दादी को शिक्षित करने के लिये सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी।
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जावडेकर ने रविवार को झालाना कच्ची बस्ती में लोगों से संवाद करने के दौरान संवाददाताओं से कहा,‘‘ इस योजना को लागू करने के लिये तैयारियां चल रही है और आगामी दो महीनों में यह योजना शुरू की जायेगी। इसके लिये हम सामग्री उपलब्ध करायेंगे। आज मैंने बच्चों से बातचीत की है और उन्हें अपने बुजुर्ग परिजनों को इस तरह से शिक्षित करने को कहा है।’’
उन्होंने कहा कि योजना की विस्तृत जानकारी योजना की औपचारिक शुरूआत के समय उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा,‘‘बच्चे अब अपने दादा-दादी और माता-पिता के मास्टर बनेंगे और यह एक नई क्रांति है।’’ राजस्थान के चुनाव प्रभारी जावडेकर ने लोगों से बातचीत करके सरकार के कार्यों के बारे में उनकी राय जानी।
जावडेकर ने आज लाभार्थियों और बच्चों सहित उनके परिजनों से सरकारी योजनाओं के बारे में बातचीत की और बच्चों को अपने निरक्षर दादा- दादी को शिक्षित करने को कहा। उन्होंने लाभार्थियों के घर चाय पी और खाना भी खाया।