लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को अब फांसी की सजा, अध्यादेश मंजूर

NULL

देश में नाबालिकों के साथ हुए दुष्कर्म के बाद 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से दुष्कर्म करने के दोषियों को फांसी की सजा देने वाले अहम अध्यादेश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। इसमें बच्चों के साथ होने वाली बर्बरता के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया था। मोदी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में महिला सुरक्षा का मजबूती से दावा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसी साल जब शिमला, कठुआ और उन्नाव में हुए गैंगरेप के मामलों मे तूल पकड़ा तो सरकार सचेत हो गई।

रेप की घटनाओं में सख्त सजा के प्रावधान का फैसला किया गया। कैबिनेट में इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया। रेपिस्टों को मौत की सजा दिए जाने संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दी गई। इसके लिए ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ यानी पॉक्सो कानून में जरूरी संशोधन किए गए। इससे संबंधित अध्यादेश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा गया, जिसे उन्होंने महज 24 घंटे के अंदर मंजूरी दे दी। अब 12 साल तक के मासूमों से रेप के दोषियों को मौत की सजा मिलेगी।

16 वर्ष तक की आयु की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को 20 वर्ष के कारावास की सजा या उम्र कैद होगी। उम्र कैद का मतलब पूरी आयु जेल में रहना होगा। 16 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से सामूहिक दुष्कर्म के दोषी भी पूरी जिंदगी जेल में रहेंगे। 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म में दोषियों को मौत की सजा होगी। अध्यादेश के तहत जांच का काम दो महीने में पूरा करना होगा। मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी करनी होगी। अगर देरी की जाती है तो इसकी सूचना सर्वोच्च न्यायालय को देनी होगी।

पब्लिक प्रॉसिक्यूटर को सुने बिना मामले में जमानत नहीं होगी। गौरतलब है कि कठुआ मामले में जम्मू कश्मीर समेत देश में फैले आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि ऐसे वारदातों को रोकने के लिए सख्त से सख्त कानून बनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने 21 अप्रैल को अध्यादेश लाकर 12 वर्ष से कम उम्र की आयु की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान शामिल किया। उसके बाद राज्य सरकार ने दो अध्यादेश लाए।

दूसरे अध्यादेश जम्मू एंड कश्मीर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्राम सेक्युसल हिंसा अध्यादेश 2018 के तहत यौन उत्पीड़न करने पर सजा का प्रावधान शामिल किया है। यह अध्यादेश बच्चों के मैत्रीपूर्ण तरीकाकार के प्रावधान उपलब्ध करवाएगा। इसमें रिपोर्टिग, सुबूतों की रिकॉर्डिग जांच शामिल होंगे। ऐसे मामलों की सुनवाई के लिये विशेष अदालतें बनाई जाएगी। यह अध्यादेश यह सुनिश्चित करेगा कि सभी शिक्षण संस्थान बच्चों की सुरक्षा यकीनी बनाए और यौन उत्पीड़न के मामलों को गोपनीय रखा जाए।राज्यपाल ने कहा कि गृह विभाग इन पर सख्ती से कार्रवाई करे और अध्यादेशों के तहत मामलों की जांच की निगरानी के लिए तंत्र बनाए।

24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eighteen − 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।