कोविड-19 महामारी के दौरान, 25 लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने, अपनी जान की परवाह किये बिना जागरूकता और राहत गतिविधियों में जिला प्रशासन का हाथ बंटाया।लोगों की सेवा करते हुए, कुछ स्वयंसेवकों और कार्यक्रम अधिकारियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। मैं, आज उन सबकी स्मृति को नमन करता हूँ। pic.twitter.com/b5O3Kxa19A
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 24, 2021
राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, कोविंद ने कहा कि मानव जीवन की इमारत प्रायः छात्र जीवन की नींव पर खड़ी होती है और सीखना जीवनपर्यंत चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन बुनियादी व्यक्तित्व का विकास छात्र जीवन के दौर में ही शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए वे राष्ट्रीय सेवा योजना-एनएसएस को एक दूरदर्शी योजना मानते हैं, जिसके माध्यम से छात्रों को अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही समाज व देश की सेवा करने का अवसर मिलता है।’’
महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया था। वे चाहते थे कि हमारे युवा, जिम्मेदार नागरिक बनें और स्वयं को पहचानें। उनके अनुसार, स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है – स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना। pic.twitter.com/X8MEb8sTPx
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राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष को पूरे देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है तथा उन्हें यह जानकर खुशी हुई है कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर वेबिनार/सेमिनार आयोजित करके इस महोत्सव में एनएसएस के स्वयंसेवक योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे स्वतंत्रता संग्राम और स्वाधीनता सेनानियों के आदर्शों के बारे में जागरूकता फैलाना भी राष्ट्र की सेवा है।’’