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चीन के साथ सीमा तनाव पर संसद में नहीं होगी चर्चा, सरकार ने खारिज की विपक्ष की मांग

सरकार ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध के विषय पर संसद में चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को मंगलवार को खारिज कर दिया।

सरकार ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध के विषय पर संसद में चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को मंगलवार को खारिज कर दिया। 
सूत्रों ने बताया कि लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में कांग्रेस नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों के गतिरोध पर चर्चा कराने की मांग उठाई थी। सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मुद्दा संवेदनशील है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है इसलिए इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। 
साथ ही भारत ने चीन को आज संसद से सख्त संदेश देते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों की यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की उसकी कोशिश किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। भारत इस मामले का समाधान संवाद से करना चाहता है लेकिन अपनी संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता की रक्षा करने की खातिर हर परिस्थिति के लिए तैयार भी है। 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना के साथ गतिरोध पर लोकसभा में दिये वक्तव्य में चीन और वैश्विक समुदाय को दो टूक शब्दों में कहा कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा बदलाव के इरादे से अप्रैल से सैन्य जमावड़ा बढ़ना शुरू किया और फिर भारतीय सेना की नियमित गश्त को बाधित किया। 
रक्षा मंत्री ने आगे कहा ,इसके समाधान के लिए जब सैन्य कमांडर के स्तर की बातचीत में सहमति बनी तो उसका उल्लंघन करके चीनी सेना ने भारतीय सैनिकों पर हिंसक हमले किये। हमारे बहादुर सिपाहियों ने अपनी जान का बलिदान दिया। वे चीनी पक्ष को भारी क्षति पहुंचाने के साथ ही अपनी सीमा की सुरक्षा में कामयाब रहे। 
रक्षा मंत्री ने कहा कि मास्को में चीनी रक्षा मंत्री से उन्होंने अपनी बातचीत में कहा, ‘‘इस मामले में भारत इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहता है और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करें। वहीं हमने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हम भारत की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध हैं।’’ 

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