ओडिशा के मुख्यमंत्री माझी ने कटक में बाली यात्रा का किया भव्य उद्घाटन

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को कटक में विश्व प्रसिद्ध बाली यात्रा उत्सव का उद्घाटन किया
ओडिशा के मुख्यमंत्री माझी ने कटक में बाली यात्रा का किया भव्य उद्घाटन
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बाली यात्रा उत्सव सप्ताह भर चलने वाला उत्सव है

ओडिशा में विश्वप्रसिद्ध बाली यात्रा उत्सव एक सप्ताह तक चलने वाला उत्सव है जो कटक में 22 नवंबर तक चलेगा। उद्घाटन समारोह में 14 देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों, मिशन प्रमुखों और राजनयिकों सहित विदेशी प्रतिनिधियों के एक प्रतिष्ठित समूह ने अपने जीवनसाथियों के साथ भाग लिया। इन गणमान्य व्यक्तियों ने महानदी नदी पर नौकायन करते हुए एक नाव में भाग लिया और मेगा-मेले में लगे विभिन्न स्टॉलों का दौरा किया। इस यात्रा में आसियान, बिम्सटेक और प्रशांत द्वीप देशों के सांस्कृतिक समूहों ने भी भाग लिया।

इस वर्ष भारत अपनी एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे कर रहा है

विदेश मंत्रालय के अनुसार, 14 देशों के राजदूत, उच्चायुक्त और मिशन प्रमुख तथा उनके जीवनसाथी और कई अन्य राजनयिक बाली जात्रा कटक उत्सव 2024 में शामिल हुए। इस वर्ष भारत अपनी एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे कर रहा है, इस उत्सव ने आसियान, बिम्सटेक और प्रशांत द्वीप देशों की भागीदारी के साथ-साथ पूरे सप्ताह के दौरान उनके सांस्कृतिक दलों के प्रदर्शन से अंतर्राष्ट्रीय पहचान भी हासिल की। विदेश मंत्रालय (पूर्व) सचिव जयदीप मजूमदार ने कहा कि बांग्लादेश, भूटान, इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, वियतनाम, स्लोवाकिया और बाली के सांस्कृतिक दल इस उत्सव के आठ दिनों में प्रदर्शन करेंगे।

जानिए जयदीप मजूमदार ने क्या कहा ?

मजूमदार ने कहा, "आज हम 14 मित्र देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों, मिशन प्रमुखों और राजनयिकों की उपस्थिति से गौरवान्वित हैं। इसके अलावा हमारे पास बांग्लादेश, भूटान, इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, वियतनाम और यहां तक ​​कि स्लोवाकिया से सांस्कृतिक दल भी हैं। हमारे पास बाली से भी एक दल आया है। ये दल इस उत्सव के आठ दिनों में प्रदर्शन करेंगे।" उद्घाटन समारोह में ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती परीदा, कटक से सांसद भर्तृहरि महताब, जगतसिंहपुर से सांसद बिभु प्रसाद तराई और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय का प्रतिनिधित्व सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने किया। विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, बाली यात्रा (बाली की यात्रा) ओडिशा के समृद्ध समुद्री इतिहास का जश्न मनाती है और दक्षिण पूर्व एशिया और व्यापक हिंद-प्रशांत के साथ भारत के ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों का स्मरण कराती है, जो हजारों वर्षों से भारतीय नाविकों द्वारा की गई समुद्री यात्राओं के माध्यम से विकसित हुए हैं।

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