लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट के 42वें राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित डॉक्टर्स और अन्य विशिष्ठजनों को संबोधित करते हुए कैंसर के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता की कमी पर चिंता जाहिर की। बिरला ने कैंसर की पहचान और उपचार में लोगों की जागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में कैंसर को लेकर जागरूकता की बहुत कमी है।
भारत में कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी
उन्होंने कहा कि उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं का हर एक व्यक्ति तक सुलभ रूप से नहीं पहुंच पाना भी एक और समस्या है। आम जनता जब तक शरीर में कोई बड़ी समस्या नहीं हो जाए, तब तक खुद आगे बढ़कर जांच करवाने से बचती है। उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति को सुधारा जा सकता है यदि एक निश्चित आयु के बाद एक निश्चित समय में हेल्थ चेक अप करवाने के लिए लोग प्रेरित हो। उन्होंने कहा कि इसके लिए यह संस्थान महत्वपूर्ण काम कर सकता है। आज के समय में इलाज का लक्ष्य केवल बीमारी से निजात दिलाना ही नहीं है, बल्कि इलाज के बाद व्यक्ति बेहतर और आरामदायक जीवन जी पाए, यह इलाज का लक्ष्य है।
नई-नई तकनीक आई है, जिससे कैंसर का इलाज संभव – बिरला
कैंसर चिकित्सा में तकनीकी विकास पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि समय के साथ नई-नई तकनीक आई है, जिससे कैंसर का इलाज संभव हुआ है। रेडिएशन तकनीक ने कैंसर का उपचार बहुत हद तक सफल बनाया है। कैंसर के एडवांस ट्रीटमेंट के लिए रेडिएशन टेक्नॉलोजी बहुत उपयोगी साबित हुई है और समय के साथ साथ रेडिएशन थैरेपी में भी तकनीकी विकास हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल साइंस के विकास ने न सिर्फ लोगों की उम्र बढ़ा दी है, बल्कि जिंदगी की क्वालिटी को भी बेहतर बनाया है। नई टेक्नोलॉजी के विकास से बीते दशकों के मुकाबले सर्जरी और ऑपरेशन सरल हो रहे हैं। माइक्रो लेवल पर ऑपरेशन हो रहे हैं। रोबोटिक सर्जरी और लेजर ऑपरेशन से टारगेटेड इलाज किया जा रहा है।