भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को कर्नाटक में पांच और तेलंगाना में चार नए केस के साथ देश में ओमिक्रॉन के केस बढ़कर 87 हो गए हैं। देश में महाराष्ट्र में अब तक ओमीक्रॉन के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां ओमीक्रॉन के 32 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा राजस्थान में 17, दिल्ली में 10, कर्नाटक में 8, तेलंगाना में 7, केरल में 5, गुजरात में 5, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ में 1-1 मामले सामने आ चुके है।
बेहद खतरनाक वेरिएंट है ओमीक्रॉन
कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को बेहद खतरनाक वेरिएंट माना जा रहा है और ये तेजी से दुनिया के ज्यादातर देशों में फैलता जा रहा है। हालांकि इस वेरिएंट को लेकर हर देश में सजगता बरती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक ने आगाह किया है कि वेरिएंट को ‘हल्का’ कहकर खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि ये तेजी से फैल रहा है। कोरोना के ओमीक्रॉन वेरिएंट से उत्पन्न चिंताओं के बीच, डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने गुरुवार को कहा कि ओमीक्रॉन किसी भी अन्य पिछले वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है और इसे हल्का कहकर खारिज नहीं करना चाहिए।
ओमीक्रॉन को हल्का मानकर खारिज नहीं किया जाना चाहिए
डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम ने कहा कि ओमीक्रॉन को हल्का मानकर खारिज नहीं किया जाना चाहिए। ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित लोगों की क्लिनिकल पिक्चर को पूरी तरह से समझने के लिए अधिक जानकारी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ओमीक्रॉन से संक्रमित लोगों की क्लिनिकल पिक्चर को पूरी तरह से समझने के लिए और जानकारी की जरूरत है और डब्ल्यूएचओ COVID-19 क्लिनिकल डेटा प्लेटफॉर्म के माध्यम से अस्पताल में भर्ती रोगी डेटा के संग्रह और साझा करने में योगदान करने के लिए देशों को प्रोत्साहित कर रहा है। हमें ओमीक्रॉन को हल्के के रूप में खारिज नहीं करना चाहिए. यहां तक कि अगर ओमीक्रॉन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, तो मामलों की भारी संख्या एक बार फिर स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है।