केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रभारी नितिन गडकरी ने बुधवार को संसद में कहा कि अभी औसतन हर दिन लगभग 38 किमी सड़क का निर्माण कर रहा है जिसके बढ़कर 40 किलोमीटर प्रति दिन होने की संभावना है जो विश्व रिकार्ड होगा।
नितिन गडकरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय अभी औसतन लगभग 38 किमी प्रति दिन राजमार्ग का निर्माण कर रहा है, जिसके बढ़कर 40 किलोमीटर प्रति दिन होने की संभावना है, जो विश्व में रिकार्ड होगा। उन्होंने कहा कि आगे चलकर इसे 45 किलोमीटर प्रति दिन करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आयी थी उस समय 406 सड़क परियोजनाएं लंबित थीं और उनकी लागत 3.85 लाख करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि वे परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण, वित्तीय सहित विभिन्न समस्याओं के कारण अटकी हुयी थीं लेकिन मोदी सरकार ने उन सभी परियोजनाओं की समीक्षा कर उन्हें फिर से शुरू कराया और इस प्रकार बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपये की गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) से बचाया।
उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2014 में देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 91,287 किलोमीटर थी जो अब बढ़कर 1,40,937 किलोमीटर हो गयी है। सदन में हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि भारत ने सड़कों के निर्माण के मामले में तीन विश्व रिकार्ड बनाए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे तेजी से रोड बनाने में भारत विश्व में पहले स्थान पर आ गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने 24 घंटे में मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर चार लेन के 2.5 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण किया जो विश्व रिकॉर्ड है।
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इसके अलावा सोलापुर से बीजापुर के बीच 26 किमी लंबी सड़क भी जल्दी बनाने में रिकार्ड कायम किया गया। उनके जवाब के दौरान विपक्ष 12 सदस्यों के निलंबन का फैसला वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा कर रहा था और कई सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी भी कर रहे थे। गडकरी ने कहा कि सरकार ने करगिल के पास जोजिला सुरंग का निर्माण कार्य शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि इसके निर्माण के लिए चार बार निविदा जारी हुयी थी और 11,000 करोड़ रूपए की बोली लगायी गयी थी। उन्होंने कहा कि इसमें 5,000 करोड़ रूपए की बचत की गयी है और अभी शून्य से नीचे तापमान होने के बाद भी एक हजार मजदूर लगातार काम में लगे हैं। उन्होंने कहा कि शुरूआती अनुमान के अनुसार इसे साढ़े तीन साल में पूरा होना था लेकिन सरकार का प्रयास इसे 2024 से पहले पूरा करने का है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राजमार्गों के पूरा होने के बाद दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-हरिद्वार और दिल्ली-जयपुर की यात्रा सिर्फ दो घंटे में पूरी की जाएगी वहीं दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मेरठ से दिल्ली आने में पहले चार घंटे लगते थे लेकिन अब लोग सिर्फ 45 मिनट में पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सब के लिए आधारभूत ढांचा अगले दो साल में पूरा हो जाएगा।
गडकरी ने कहा कि सरकार 26 हरित राजमार्ग का निर्माण कर रही है जिनकी कुल लंबाई करीब 8,000 किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि इन राजमार्गों के बन जाने से देश की पूरी सड़क अवसंरचना बदल जाएगी और इससे एक ओर निर्यात एवं उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, वहीं निवेश भी आएगा तथा विकास को गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है और विदेशों से भी काफी निवेश आ रहा है। लेकिन सरकार इसके साथ ही ऐसी योजना बना रही है जिसमें देश का आम आदमी भी निवेश करे और लोगों को उनके निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिले।