सरकार ने कहा है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के जरूरी उपाय कर औद्योगिक प्रदूषण की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है तथा वायु गुणवत्ता सुधार के क्रम में पराली जलाने की प्रक्रिया में 15 प्रतिशत की कमी आई है।
केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि राजधानी दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए सरकार ठोस प्रयास कर रही है और इससे यहां की वायु गुणवात्ता में सुधार आ रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हो इसके लिए बदरपुर के थर्मल पावर संयंत्र को बंद किया गया है और प्रदूषण फैलाने वाले 1500 उद्योगों की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। किस उद्योग ने मानक से ज्यादा धुआं पैदा किया है इसको लेकर उसको नियंत्रित किया जा रहा है। इस क्षेत्र के ईंट भट्टों को जिग जैग प्रौद्योगिकी में बदला गया है जिससे इस उद्योग को प्रदूषण मुक्त किया जा सके।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पराली के कारण वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए पंजाब, हरियाणा तथा संबंधित राज्यों की एक समिति बनायी गई है और अगले महीने इस बारे में फिर बैठक की जा रही है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने का काम नवंबर में ज्यादा होता है। इसको रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसको जलाने के काम में 15 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए वाहन उत्सर्जन के कारण होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा रहा है और वाहनों द्वारा अच्छे ईंधन के इ्रस्तेमाल को बढावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वाहनों की आवाजाही घटी है और इसने यहां के प्रदूषण को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई है।