देश में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के नए चरण 4.0 में प्रतिबंधों में ढील के साथ ही कोविड-19 संक्रमण के पिछले 24 घंटों में 6 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को नवीनतम आंकड़े जारी करते हुए कहा, पिछले 24 घंटों में कोविड-19 संक्रमण के सर्वाधिक 6,088 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद से संक्रमितों का कुल आंकड़ा 1 लाख 18 हजार 447 हो गया है। आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और अन्य विभागों ने सरकार की कोशिशों की जानकारी दी।
साथ ही इन प्रयासों की वजह से वायरस के मामलों को नियंत्रण में रखने के बारे में बताया। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि विभिन्न अध्ययनों के मुताबिक हमने लॉकडाउन करके बहुत सी जानें बचाई हैं। अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो देश में संक्रमित लोगों की संख्या 29 लाख तक पहुंच सकती थी।
जबकि 37 से 78 हजार लोगों की मौत हो जाती। इस बीच आईसीएमआर के डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर ने प्रतिदिन हो रही टेस्टिंग की जानकारी दी। डॉ रमन ने जानकारी देते हुए कहा कि लगातार चौथे दिन से एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार दोपहर एक बजे तक देश में 27,55,714 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें से 18,287 टेस्ट निजी लैब में किए गए। वहीं सशक्त समूह-1 के चेयरमैन व नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने केंद्र सरकार की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत हम 1 करोड़ लोगों को इलाज मुहैया करवा रहे हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि महामारी का प्रकोप सीमित स्थानों तक ही सीमित रहा। 70 फीसदी मामले शहरों तक ही सीमित रहे। साथ ही लॉकडाउन की वजह हजारों लोगों की जान बच गई। वीके पाल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से 3 अप्रैल के बाद कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से कमी आई है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के कुल मामलों में से 90 फीसदी 10 राज्यों तक सीमित है। इनमें से भी 70 फीसदी 10 शहरों तक ही है।