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NDA को एक और झटका, कृषि कानून के विरोध में RLP ने भी छोड़ा साथ

हजारों की तादात में किसानों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले एनडीए के सहयोगी और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा को अब अपना जवाब देना होगा।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से शनिवार को नाता तोड़ लिया। आरएलपी के संयोजक एवं नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने शाहजहांपुर में किसान रैली को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
बेनीवाल ने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को किसानों के खिलाफ बताया है। उन्होंने अलवर के शाहजहांपुर में किसान रैली में कहा, ‘‘भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि विरोधी कानूनों के कारण आज आरएलपी राजग गठबंधन से अलग होने की घोषणा करती है।’’
बेनीवाल ने कहा, ‘‘मैं राजग के साथ ‘फेविकोल’ से नहीं चिपका हुआ हूं। आज मैं खुद को राजग से अलग करता हूं।’’ उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘देश के अन्नदाताओं के सम्मान में आज आरएलपी ने राजग से अलग होने का निर्णय लिया है। तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं।’’
उल्‍लेखनीय है कि बेनीवाल ने कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच का ऐलान किया था। जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर राजस्थान-हरियाणा की सीमा के पास शाहजहांपुर में किसान पिछले 14 दिन से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र में सत्‍तारूढ़ राजग से अलग होने वाली आरएलपी दूसरी पार्टी है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल भी इसी मुद्दे को लेकर राजग से अलग हो चुका है। बेनीवाल ने इससे पहले 19 दिसंबर को किसान आंदोलन के समर्थन में संसद की तीन समितियों, उद्योग संबंधी स्थायी समिति, याचिका समिति व पेट्रो‍लियम व गैस मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य पद से त्यागपत्र देने की घोषणा की थी और कहा था कि वह 26 दिसंबर दो लाख किसानों के साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
गौरतलब है कि आरएलपी व भाजपा ने गत लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था जिसके तहत भाजपा ने राज्य में 25 में से एक सीट आरएलपी को दी थी। इस नागौर सीट से बेनीवाल सांसद चुने गए थे। विधानसभा में आरएलपी के तीन विधायक हैं।
इस बीच, कृ‍षि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन भी और जोर पकड़ गया है। किसान 14 दिन से शाहजहांपुर के पास जयपुर-दिल्‍ली राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर डेरा डाले हुए हैं। अब तक इस मार्ग पर दिल्ली से जयपुर आने वाली लेन खुली थीं लेकिन शनिवार को किसानों ने राजमार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया।
किसानों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस व प्रशासन ने इस राजमार्ग पर आ रहे वाहनों को पावटा बानसूर व बहरोड़ खैरथल मार्ग से निकालना शुरू किया है ताकि लोगों को परेशानी न हो। अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा, ‘‘राजमार्ग को शनिवार को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया। दिल्‍ली से वाहनों को भिवाड़ी-धारूहेड़ा मार्ग पर भेजा जा रहा है। वाहनों के वैकल्पिक मार्गों से संचालन की व्‍यवस्‍था की गई है।’’

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