प्याज के बढ़ते दामों में एक-दो हफ्तों के अंदर राहत मिलने की उम्मीद की जा सकती है। दरअसल, मार्केट में प्याज की सप्लाई बढ़ाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नैफेड) ने 15 हजार टन आयातित प्याज का ऑर्डर दिया है। इस संबंध में बोलीदाताओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकार के इस कदम से प्याज के दाम गिरना तय माना जा रहा है, पिछले कुछ दिनों से सरकार की ओर से उठाए कदम और सप्लाई बढ़ने से प्याज के दामों में आई तेजी और नहीं बढ़ी है।
बता दें कि आने वाले एक-दो सप्ताह में प्याज के दाम घटने की संभावना इसलिए जताई जा रही है कि एशिया की सबसे बड़ी थोक मंडी लासलगांव में इस सप्ताह प्याज के औसत भाव में करीब 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को लासलगांव मंडी में प्याज की अधिकतम कीमत 3,811 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,100 रुपये प्रति क्विंटल और औसत कीमत 3,000 रुपये प्रति क्विंटल थी। पिछले सप्ताह यहां प्याज की औसत कीमत 5,300 रुपये, अधिकतम कीमत 6,191 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,060 रुपये थी। रिपोर्टों के मुताबिक लासलगांव में लाल प्याज की औसत कीमत गिरकर 2,451 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है।
लासलगांव थोक बाजार में कीमतें गिरने का असर मुंबई में खुदरा कीमतों में गिरावट के तौर पर दिखा। मुंबई में एक सप्ताह पहले 80 से 120 रुपये किलो बिकने वाला प्याज गिर कर 45 से 70 रुपये किलो पर आ गया। अब हर दिन प्याज की थोक और खुदरा कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और अन्य राज्यों से रबी के पुराने स्टॉक और खरीफ के नए स्टॉक की सप्लाई से प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगी है।