रायपुर: छत्तीसगढ़ में रमन सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की है। हालांकि इस बार पंजीकृत किसानों को बोनस का लाभ मिल पाएगा। इधर सरकार की ओर से बोनस के ऐलान के बाद बिचौलियों और कोचियों की सक्रियता भी बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक राज्य के सरहदी ईलाकों में कोचियों ने धान खपाने का पूरा इंतजाम कर लिया है। इस मामले में पड़ोसी राज्यों से धान लाकर इसे खरीदी केन्द्रों में खपाने की तैयारी चल रही है। ऐसी स्थिति में भी तीन विभागों के संयुक्त उड़नदस्ते को अलर्ट कर दिया गया है।
सूत्रों की मानें तो समिति स्तर पर मिलीभगत कर कोचिए छोटे किसानों को झांसे में ले रहे हैं। वहीं किसानों की ऋण पुस्तिका लेकर दूसरे राज्यों से लाया गया धान सीधे केन्द्रों में खपा रहे हैं। हालांकि इस बार राज्य में सूखा पड़ने के बावजूद उत्पादन में रकबे में हुई बढ़ोतरी पर सवाल उठे हैं। वहीं पंजीकृत किसानों की तादाद भी बढ़ गई है। इसके अलावा सरकार ने भी खरीदी का लक्ष्य बीते वर्ष की तरह 70 लाख मीट्रिक टन यथावत रखा हुआ है।
इधर राज्य में धान खरीदी शुरू होने के महज तीन दिनों में ही कोचियों की धरपकड़ कर 80 प्रकरण बना लिए गए हैं। इनसे ही हजारों क्विंटल अवैध परिवहन कर दूसरे राज्यों से लाए गए धान को जप्त किया गया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में दूसरे राज्यों से धान का परिवहन प्रतिबंधित किया हुआ है। इसके बावजूद सीमावर्ती जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोचियों और बिचौलियों की सक्रियता बढ़ गई है।
विभागीय उड़नदस्ते को चकमा देकर भी किसान सीधे धान खपाने लगे हैं। ऐसी स्थिति में भी कोचियों पर शिकंजा कसने में मुश्किलें हो सकती है। विभाग का दावा है कि इस बार खरीदी केन्द्रों तक पहुंचने पर भी कोचिए धरपकड़ कर लिए जाएंगे। इसके बावजूद समिति स्तर पर और मिलर्स के साथ मिलीभगत के चलते यह काफी मुश्किल लग रहा है। समिति स्तर पर रकबा बढ़ाने की भी शिकायतें मिल रही है।