भोपाल : मध्यप्रदेश में सोमवार को दलित आंदोलन के दौरान हिंसा का सामना करने वाले तीनों जिलों भिंड, मुरैना और ग्वालियर में आज से शैक्षणिक संस्थान खुल गए। मुरैना में आज यहां कर्फ्यू में सुबह सात से शाम सात बजे तक की ढील दी जा रही है। इस दौरान जीवन सामान्य बना हुआ है। मुरैना जिले में आज से सभी शैक्षणिक संस्थान भी खुल गए, हालांकि सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या काफी कम रही।
आज से कार्यालयों में भी कर्मचारियों की संख्या अपेक्षाकृत सामान्य हो गई है। सुबह से ही लोग रोजमर्रा का सामान खरीदने बाजारों में उतरे, हालांकि फल-सब्जियों के भाव जिले में आसमान छू रहे हैं। जिले में इंटरनेट सेवाएं भी बहाल कर दी गई हैं। कर्फ्यू में ढील के दौरान अब तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। उपद्रवी क्षेत्रों में अब भी भारी पुलिस बल तैनात है और पुलिस की गश्त लगातार जारी है।
इसी बीच प्रदेश के मुख्य सचिव बीपी सिंह और पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला के आज मुरैना पहुंचने की संभावना के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन खासा मुस्तैद है। भिंड जिले में भी आज सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक के बीच कर्फ्यू में ढील दी जा रही है। यहां भी आज से सभी शैक्षणिक संस्थान खुल गए।
जिले के तीन अन्य स्थानों लहार, मेहगांव और गोहद में स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है। प्रदेश के मुख्य सचिव बी पी सिंह और पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला आज यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करेंगे। भिंड कलेक्टर इलैया राजा टी ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने पर कलेक्टोरेट के चार सरकारी कर्मचारियों सुरेश कौशल, योगेश गुप्ता, महेश वर्मा और प्रवेश को निलंबित कर दिया है।
ग्वालियर में भी आज सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जा रही है। ढील के दौरान पुलिस-प्रशासन कानून-व्यवस्था पर पैनी निगाह रखे है। उपद्रवियों की धरपकड़ भी जारी है। प्रदेश के इन तीनों जिलों में सोमवार को फैली हिंसा में सात लोगों की मौत हो गई थी। उसी दिन से इन स्थानों पर शैक्षणिक संस्थान बंद थे।
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