रायपुर: छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर अंचल में पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने मिलकर माओवादियों को पीछे धकेलने में सफलता पाई है। आपरेशन प्रहार के दूसरे चरण में नक्सल विरोधी अभियान को भारी सफलता मिली। माओवादियों को उनके ठिकाने में घुसकर मार गिराने में सफलता मिली है। नक्सल आपरेशन विंग ने इसे बड़ी कामयाबी माना है। वहीं बस्तर के बीहड़ों में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे में इसे अहम माना जा रहा है। इससे पहले भी रणनीति ढंग से चलाए गए आपरेशन प्रहार के पहले दौर में भी जवानों को बड़ी सफलता मिली थी।
चुनाव से पहले बस्तर से नक्सलियों को बैकफुट पर धकेलने की कवायदें नजर आ रही है। सूत्र दावा करते हैं कि आपरेशन प्रहार में नक्सली पहली बार कमजोर साबित हुए हैं। दक्षिण बस्तर अंचल के बीहड़ों में पुलिस और फोर्स आज तक कभी घुस नहीं पाई थी। भयावह जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों में नक्सलियों ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। नक्सल विरोधी अभियान में ठिकानों तक पहुंच पाना ही बड़ी उपलब्धि हो सकती है। इससे पहले दो दशक तक पुलिस और फोर्स माओवादियों के गढ़ तक भी नहीं पहुंच पाई थी। इधर खुफिया सूत्रों की मानें तो आपरेशन प्रहार अब लगातार जारी रहेगा। इसे गोपनीय ढंग से अंजाम दिया जाएगा। आपरेशन प्रहार में पुलिस को बड़ी तादाद में हथियार मिले हैं।
वहीं पहली बार नक्सलियों के शव भी बरामद किए गए हैं। नक्सलियों की पहचान होने के बाद कई अहम तथ्य भी पुलिस के हाथ लग सकते हैं। माना जा रहा है कि चुनाव नजदीक आते ही बस्तर में ताबडतोड़ अभियान चलाए जाएंगे। इसके लिए संयुक्त आपरेशन के साथ प्रभावित पड़ोसी राज्यों की भी मदद ली जा रही है। नक्सली ठिकाने नेस्तनाबूद करने के साथ नक्सलियों की गिरफ्तारी पर भी फोकस होगा। मुठभेड़ की स्थिति में माओवादियों के शव को कब्जे में लेने की भी रणनीति है। आम तौर पर नक्सली अपने मृत साथियों के शवों को ले जाते रहे हैं। अब उनका यह प्लान भी फेल नजर आ रहा है।