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विपक्ष ने सरकार पर लगाया पर्यटन क्षेत्र की अनदेखी का आरोप, सत्ता पक्ष ने किया पर्यटक संख्या बढ़ने का दावा

पर्यटन क्षेत्र पर कोविड-19 महामारी का गहरा प्रभाव पड़ने का दावा करते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर इसे उबारने के प्रयास करने के बजाय निजीकरण और विनिवेश पर ध्यान देने का आरोप लगाया।

पर्यटन क्षेत्र पर कोविड-19 महामारी का गहरा प्रभाव पड़ने का दावा करते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर इसे उबारने के प्रयास करने के बजाय निजीकरण और विनिवेश पर ध्यान देने का आरोप लगाया। वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने तथा कोविड-19 से उबरने के भारत के प्रयासों से देश में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।
उच्च सदन में पर्यटन मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की शुरुआत करते हुए टीआरएस सदस्य के आर सुरेश रेड्डी ने कहा कि कोविड-19 महामारी का असर पर्यटन के क्षेत्र पर भी पड़ा, लेकिन इस विभाग को केंद्र सरकार से बजट के माध्यम से जितना सहयोग मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पर्यटन का देश की जीडीपी में पांच फीसदी का योगदान रहता है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार यह क्षेत्र 12.9 प्रतिशत रोजगार यानी 8.8 करोड़ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार देता है। ऐसे क्षेत्र को नजरअंदाज किया जाना ठीक नहीं है।
सुरेश रेड्डी ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय के लिए 2027 करोड़ रूपए बजट में आवंटित किए गए और जरूरत को देखते हुए यह आवंटन बहुत ही कम है। उन्होंने कहा यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि यह मंत्रालय कई तरीकों से अन्य मंत्रालयों के साथ जुड़ा हुआ है और इसलिए राजस्व जुटाने में इन मंत्रालयों को पर्यटन मंत्रालय का भी योगदान रहता है। उन्होंने सरकार पर निजीकरण एवं विनिवेश पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाते हुए कहा उसे अपार संभावनाओं वाले इस मंत्रालय की जरूरतें नजर नहीं आईं। जीएसटी जैसे सरकार के उठाए गए कई कदमों से, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग और व्यवसाय परेशान हो चुके हैं।
सुरेश रेड्डी ने कहा कई पयर्टन संगठनों ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जो सिफारिशें की हैं, उन पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। स्थायी समिति की सिफारिशों का भी पर्यटन के प्रचार प्रसार में अहम योगदान हो सकता है, उन्हें लागू करना चाहिए। नयी पर्यटन नीति में आठ रणनीतिक क्षेत्रों की पहचान की गई है उन पर ध्यान देना चाहिए। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए भाजपा के शिवप्रताप शुक्ला ने कहा ‘‘2018-19 में देश की जीडीपी में पर्यटन का पांच फीसदी योगदान रहा और यह 13 फीसदी रोजगार देता है। 2014 में पर्यटन में भारत का स्थान 65 वां था जो आज 35वां हो चुका है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में पर्यटन के क्षेत्र में बजट भी बढ़ा है। 2020-21 में मंत्रालय के लिए आवंटित बजट को इस साल 61 फीसदी बढ़ाया गया है। ढांचागत सुधारों के लिए 950 करोड़ रूपए रखे गए हैं। अवसंरचना के विकास से देश विदेश के पर्यटक आकर्षित होंगे।
शुक्ला ने कहा कि पर्यटन के लिए आवागमन हेतु ऐसी परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं जिनसे पर्यटकों को तीर्थ स्थल और अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने में अब बहुत आसानी होती है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि कोविड-19 महामारी के बावजूद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में की गई कार्रवाई से देश इस संकट से उबर गया है और विश्व स्तर पर भारत की जो छवि बनी, उसका लाभ पर्यटन के क्षेत्र में भी मिल रहा है। पर्यटक अब भारत आने लगे हैं।

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