बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दल ‘ईवीएम को कटघरे में खड़ा’ करके इस प्रयास में लगे हैं कि ‘परिवार का रंग नहीं जम रहा है तो प्रजातंत्र के रंग में भंग डाल दिया जाए’’, लेकिन जनता लोकतान्त्रिक एवं संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देगी।
नकवी ने संवाददाताओं से कहा कि लोकतंत्र में विश्वास करने वालों के लिए ‘जीत का ग्लैमर और हार की गरिमा’ एक ही सिक्के के दो पहलू होने चाहिए लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल एग्जिट पोल से हताश हो कर भारत की चुनावी व्यवस्था को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उनके कुछ साथी राजनीतिक दल जिस तरह ‘आसन्न हार पर हो..हल्ला एवं प्रलाप’ कर रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि यह दल देश की लोकतान्त्रिक एवं संवैधानिक व्यवस्था को अपनी ‘सुविधा का साधन’ बनाना चाहते हैं।
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नकवी ने कहा कि ईवीएम को लेकर लगातार अविश्वास का माहौल बनाने वाले राजनीतिक दल संसद में ईवीएम की विश्वसनीयता एवं चुनावी व्यवस्था पर बहस कर चुके हैं। तब ये दल न तो तर्क दे पाए, न ही तथ्य बयां कर सके। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि घंटों चली बहस के बाद कांग्रेस सहित उनके साथियों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।
नकवी ने कहा कि उसके बाद कांग्रेस के एक नेता ईवीएम की विश्वसनीयता और भारतीय चुनाव व्यवस्था को बदनाम करने के लिए विदेशों में भी अभियान चलाने लगे। वहां भी नाकाम हुए लोग सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए, पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी फैसला कर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘ईवीएम विलाप मण्डली’ अब चुनाव के नतीजों से पहले भारतीय लोकतंत्र एवं चुनाव व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर अपनी ‘हार का बहाना’’ तलाश कर रही है।
दरअसल कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के ‘ईवीएम पर आरोप’ का मकसद है- ‘परिवार का रंग नहीं जम रहा है तो प्रजातंत्र के रंग में भंग डालो।’ उन्होंने कहा कि जनता से कटे राजनीतिक दलों का प्रामाणिक एवं पारदर्शी चुनाव व्यवस्था को बदनाम करने का प्रयास, वास्तव में भारतीय लोकतंत्र के मूल स्तंभ के प्रति दुनिया भर में सवाल उठाने की गहरी साजिश का हिस्सा है। लेकिन देश लोकतान्त्रिक एवं संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देगा।