कोरोना मामलों में कमी के बीच संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक की गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शमिल हुए। मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर Pegasus के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों।
जासूसी साफ्टवेयर मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
इस खुलासे के बाद अब सोमवार को संसद में इस मुद्दे पर हंगामा होने के आसार हैं। विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस विषय पर चर्चा की मांग की गई है और स्थगन प्रस्ताव दिया गया है। वहीं कांग्रेस के पूर्व अधयक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर कसा तंज
उन्होंने तंज करते हुए ट्वीट कर कहा कि "हमें पता है ‘वो’ क्या पढ़ रहे हैं, जो भी आपके फोन में है। विपक्ष के तीखे प्रतिक्रिया से यह साफ है कि इस मुद्दे पर सरकार को संसद में सवालों का सामना करना पड़ सकता है।We know what he’s been reading- everything on your phone!#Pegasus https://t.co/d6spyji5NA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2021
विपक्ष ने महंगाई और कृषि कानूनों पर कार्यस्थगन नोटिस दिया
बता दें कि संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के लोकसभा सांसदों ने तेल के बढ़ते दाम, महंगाई और कृषि कानूनों पर कार्यस्थगन नोटिस दिया। कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों व महंगाई पर सदन में चर्चा के लिए कार्यस्थगन नोटिस दिया। इसी तरह कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने भी कृषि कानूनों को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। वहीं आम आदमी पार्टी के पंजाब से लोकसभा सांसद भगवंत मान ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव नोटिस देते हुए चर्चा की मांग की है।
सरकार ने इन आरोपों को किया खारिज
हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा,‘‘ इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।’’ सरकार ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा,‘‘ भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और वह अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही सरकार ने ‘‘जांचकर्ता, अभियोजक और ज्यूरी की भूमिका’’ निभाने के प्रयास संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया।
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