संसद का मानसून सत्र इस बार पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया। सुचारु रूप से काम नहीं हो पाने के कारण दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई निर्धारित समापन तिथि से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। समय से पहले खत्म हुए मानसून सत्र के खिलाफ विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला।
मार्च के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल गांधी ने कहा, सदन का सत्र समाप्त हो गया है। जहां तक देश के 60 प्रतिशत हिस्से का सवाल है, संसद का कोई सत्र नहीं हुआ है। देश के 60 प्रतिशत लोगों की आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया और कल राज्यसभा में शारीरिक रूप से पीटा गया।
उन्होंने कहा, हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां मीडिया से बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया। राज्यसभा में बुधवार को जो भी हुआ वह लोकतंत्र की हत्या से कम नहीं है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं, हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री दो-तीन उद्योगपतियों को हिन्दुस्तान की आत्मा बेच रहे हैं। इसलिए विपक्ष सदन के अंदर किसानों, बेरोज़गारों, इंश्योरेंस बिल और पेगासस की बात नहीं कर सकता है।
महिला सांसदों के खिलाफ कल की घटना लोकतंत्र के खिलाफ : संजय राउत
मार्च में शामिल हुए राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, विपक्ष को संसद में अपने विचार रखने का मौका नहीं मिला। महिला सांसदों के खिलाफ कल की घटना लोकतंत्र के खिलाफ थी। ऐसा लगा जैसे हम पाकिस्तान सीमा पर खड़े हैं। हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की। ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था।