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विपक्षी दलों ने कोरोना वैक्सीन पर उठाए सवाल, जेपी नड्डा बोले- किसी भी दल को भारतीय चीज पर गर्व नहीं

भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके की मंजूरी प्रक्रिया पर कांग्रेस के कुछ नेताओं के सवाल उठाने के बाद भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को आरोप लगाया कि जब भी देश कुछ सफलता हासिल करता है।

भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके की मंजूरी प्रक्रिया पर कांग्रेस के कुछ नेताओं के सवाल उठाने के बाद भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को आरोप लगाया कि जब भी देश कुछ सफलता हासिल करता है, विपक्षी पार्टी उन उपलब्धियों का मजाक उड़ाने के लिए बेबुनियाद सिद्धांतों का सहारा लेती है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि वे स्थायी रूप से राजनीतिक हाशिये पर जाना चाहते हैं। हालांकि, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए उनकी (पुरी की) तुलना नाजी दुष्प्रचारकों से की।
नड्डा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर अपने नाकाम राजनीतिक एवं नापाक मंसूबों को हासिल करने के लिए लोगों के बीच दहशत पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। भाजपा अध्यक्ष ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को किसी भी भारतीय चीज पर गर्व नहीं है।
उन्हें इस बारे में आत्मावलोकन करना चाहिए कि कोविड-19 पर उनके झूठ का निहित स्वार्थ वाले समूहों द्वारा अपने एजेंडा के लिए किस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा।’’ आनंद शर्मा, शशि थरूर और जयराम रमेश सहित कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सीमित उपयोग के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके को दी गई मंजूरी को लेकर रविवार को गंभीर चिंता प्रकट की।
उन्होंने कहा कि यह कार्य ‘‘जल्दबाजी ’’ में किया गया है और खतरनाक साबित हो सकता है।’’ इसपर नड्डा ने कहा, ‘‘हमनें बार-बार देखा है कि भारत जब कुछ सराहनीय सफलता हासिल करता है जो लोगों के भले के लिए होता है कांग्रेस उन उपलब्धियों का मजाक उड़ाने के लिए और उनका विरोध करने के लिए बेबुनियाद सिद्धांतों का इस्तेमाल करती है। वे जितना विरोध करेंगे, उतना ही बेनकाब होंगे।
ताजा उदाहरण कोविड का टीका है।’’ उन्होंने कहा कि लोग इस तरह की राजनीति को खारिज कर रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे। नड्डा ने कहा, ‘‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेता लोगों के मन में दहशत पैदा करना चाहते हैं। मैं उनसे अन्य मुद्दों पर राजनीति करने का अनुरोध करता हूं, उन्हें लोगों के बेशकीमती जीवन और कड़ी मेहनत से अर्जित की रोजी रोटी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब पूरा देश टीकों के विकसित होने से खुश है, तब कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष रोष और तिरस्कार से भरा हुआ है।’’ वहीं, पुरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘…जयराम, थरूर और सपा नेता अखिलेश यादव वास्तव में उस तरह से व्यवहार कर रहे हैं, जिसकी उनसे उम्मीद की जाती है।
उन्होंने पहले हमारे सैनिकों की वीरता पर सवाल उठाया और अब इस बात से दुखी हैं कि दो टीके जिन्हें डीसीजीआई की मंजूरी मिली हैं वे भारत में निर्मित हैं।’’ इस पर, जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘इसलिए कहते हैं भीतर के गोएबल्स-सह-अल्बर्ट स्पीयर।’’
उल्लेखनीय है कि गोएबल्स और स्पीयर, जर्मन तानाशाह हिटलर के करीबी सहयोगी थे। कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने भी पुरी को जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी देश के सैनिकों के साहस पर सवाल नहीं उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘यदि और अधिक भारतीय टीकों को मंजूरी मिलती है तो मुझे इस बात से खुशी और गर्व होगा, लेकिन ये पूर्ण रूप से तीन चरण के परीक्षणों के बाद ही सुरक्षित एवं कारगर होंगे
 प्रक्रिया को छोटा करना अभूतपूर्व है, इसकी सलाह नहीं दी जा सकती और यह जीवन को खतरे में डालने वाला है।’’ उन्होंने भारत बायोटेक के कोवैक्सीन का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘‘हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि किस वैज्ञानिक तर्क ने विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) को टीके की आनन-फानन में मंजूरी देने के लिए प्रेरित किया…यह सीडीएससीओ द्वारा 21/9/20 को प्रकाशित कोविड-19 टीके को ईजाद करने के लिए मसौदा नियमन दिशानिर्देशों में मौजूदा मानदंडों का उल्लंघन है।’’
रमेश ने ट्विटर पर कहा, ‘‘भारत बायोटेक प्रथम दर्जे का उद्यम है, लेकिन यह हैरान करने वाला है कि चरण 3 के परीक्षण से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रोटोकॉल ‘कोवैक्सीन’ के लिए संशोधित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को इसे स्पष्ट करना चाहिए।’’ उनकी बातों से सहमति जताते हुए थरूर ने कहा कि कोवैक्सीन का अब तक तीसरे चरण का परीक्षण नहीं हुआ है।
‘‘मंजूरी समय से पहले दे दी गई और यह खतरनाक हो सकती है। डॉ हर्षवर्धन कृपया स्पष्ट करें। आगे के परीक्षण होने तक इसके उपयोग को टाला जाना चाहिए। इस बीच, भारत एस्ट्राजेनेका टीके के साथ टीकाकरण अभियान शुरू कर सकता है।’’
भारत के औषधि नियामक डीसीजीआई ने रविवार को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी, जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
डीसीजीआई ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के कोविड-19 एसईसी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर मंजूरी दी है।

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