विपक्षी दलों ने रविवार को ईवीएम में गड़बड़ी को ले कर बैठक की और कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विपक्षी दल हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने का निर्देश देने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे। अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया, ‘‘ हमें नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटारे के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठा रहा है।’’ लाखों मतदाताओं के नाम बिना भौतिक सत्यापन के ऑनलाइन हटा दिए जाते हैं। पार्टियों ने चुनाव आयोग को एक लंबी सूची दी है।
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वीवीपीएटी के पेपर ट्रेल के कम से कम 50% को गिनना और भी आवश्यक हो गया है। हम सुप्रीम कोर्ट में भी यही मांग करेंगे। सिंघवी ने कहा, पहले चरण के चुनाव के बाद सवाल उठाए गए थे, हमें नहीं लगता कि चुनाव आयोग पर्याप्त ध्यान दे रहा है। यदि आप एक्स पार्टी से पहले बटन दबाते हैं, तो वोट वाई पार्टी को जाता है। वीवीपीएटी केवल 7 सेकंड के बजाय 3 सेकंड के लिए प्रदर्शित होता है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि 21 राजनीतिक दल 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग कर रहे हैं। नायडू ने शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर ईवीएम गड़बड़ी का मामला उठाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केन्द्र पर किसी भी मतदान पर्ची का ईवीएम का अधिक से अधिक मिलान किया जाए। उसने कहा था कि इससे ना केवल राजनीतिक दलों बल्कि सभी मतदाताओं को भी काफी संतुष्टि मिलेगी।