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इस साल राज्यसभा में विपक्षी ताकत होगी कम

सत्तारूढ़ राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और सरकार को उच्च सदन में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने के लिए अन्नाद्रमुक और बीजद जैसे मित्र दलों का समर्थन प्राप्त करना होता है।

नयी दिल्ली : राज्यसभा में विपक्ष की ताकत और कम होगी, क्योंकि इस साल 68 सीटें खाली हो रही हैं और इनको भरने के लिए होने वाले चुनावों में कांग्रेस को अपनी कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ राज्यों में कांग्रेस की क्षमता कम होने के कारण पार्टी उच्च सदन के लिए होने वाले चुनावों में शामिल अपनी करीब 19 में से नौ सीटें तक गवां सकती है। इस तरह की अटकलें हैं कि पार्टी प्रियंका गांधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े नेताओं को राज्यसभा में लाने पर विचार कर रही है। 
कांग्रेस को अपने दम पर नौ सीटों को बरकरार रखने का भरोसा है और अपने सहयोगियों की मदद से एक या दो से अधिक सीटें जीत सकती है। पार्टी उन राज्यों से सीटें हासिल कर सकती है, जहां वह सत्ता में है। कांग्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में सत्ता में है या सरकार में हिस्सेदार है। सूत्रों ने कहा कि अप्रैल, जून और नवंबर में 68 रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव होने के बाद विपक्ष की ताकत में गिरावट आएगी, जिससे सत्तारूढ़ राजग धीरे-धीरे ऊपरी सदन में बहुमत की ओर बढ़ सकता है। 
राज्यसभा की 51 सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं, जून में पांच और जुलाई में एक और नवंबर में 11 सीटें रिक्त होंगी। 
मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री, कुमारी शैलजा, दिग्विजय सिंह, बी के हरिप्रसाद और एम वी राजीव गौड़ा कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिनका कार्यकाल अप्रैल और जून में समाप्त हो रहा है। उनमें से, वोरा, शैलजा और दिग्विजय सिंह को पार्टी द्वारा फिर से नामित किए जाने की संभावना है। 
इसके अलावा, कांग्रेस नेता राज बब्बर और पीएल पुनिया को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से फिर से नामित किए जाने की संभावना नहीं है। इन राज्यों में भाजपा की सरकार है और भगवा दल को बड़ा लाभ होगा। उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट और उत्तर प्रदेश से 10 सीटें इस साल नवंबर में खाली हो रही हैं। राज्यसभा में महाराष्ट्र से छह सीटें रिक्त हो रही रही हैं, जिनमें राकांपा प्रमुख शरद पवार की सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा तमिलनाडु से भी छह सीटें खाली हो रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच- पांच और गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से चार-चार सीटें रिक्त होंगी। 
कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। पार्टी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम से सीटें गवाएगी। सत्तारूढ़ राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और सरकार को उच्च सदन में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने के लिए अन्नाद्रमुक और बीजद जैसे मित्र दलों का समर्थन प्राप्त करना होता है। राज्यसभा में भाजपा के सबसे अधिक 82 सदस्य हैं और कांग्रेस के 46 सदस्य हैं। उच्च सदन की कुल क्षमता 245 है।राज्यसभा में 12 नामित सदस्य हैं, जिनमें से आठ भाजपा से जुड़े हैं। 

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