आगामी दिनों में देश के दो जगहों पर चुनाव होना हैं। पहला गुजरात और दूसरा राष्ट्रीय राजधानी में नगर निगम (MCD) के चुनाव। इन दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच मुकाबला होना हैं। गुजरात और दिल्ली नगर निगम में भाजपा लंबे समय से शासन में है।
भगवा पार्टी को चुनौती देने के लिए AAP प्रमुख अरविन्द केजरीवाल पूरा जोर लगाए हुए है। वहीं कांग्रेस खुद को पुनः विपक्ष में स्थापित करने के लिए संघर्ष करती नजर आ रहीं है। इन चुनावों में विकास, रोजगार, महंगाई जैसे तमाम मुद्दों पर राजनीति की जा रही है। जनता को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सियासी दल हर तरह के पैंतरे अपना रहे है। इस चुनाव में दो कथित सेक्युलर दल कांग्रेस और आप भी एक दूसरे के वोट काटने का प्रयास कर रहे है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ग्रैंड ओल्ड पार्टी को मुस्लिम वोटों के खिसकने का डर सता रहा है। अभी तक गुजरात में मुस्लिम वर्ग अपना मत कांग्रेस को देता रहा है। लेकिन केजरीवाल और ओवैसी की एंट्री ने मुसलमानों को भी गहन सोच में डाल दिया है। मुस्लिम समुदाय आमतौर से भाजपा विरोधी दलों को अपना समर्थन देता है। कांग्रेस और आप दोनों को ही भाजपा विरोधी माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भगवा पार्टी को इसका लाभ मिलेगा।
मुसलमानों का सबसे बड़ा हिमायती कौन?
माना जा रहा है कि आप नेताओं द्वारा बीते दिनों हिन्दू देवी-देवताओं से लेकर मंदिरों को शोषण का अड्डा बताने वाले दिए बयान भी एक खास वर्ग को आकर्षित करने का दांव था। दिल्ली में इमामों को मासिक वेतन देकर केजरीवाल ने खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा हिमायती बना लिया है। मीडिया सर्वे की माने तो MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी को मुसलमानों का एकतरफा वोट मिल सकता है। वहीं गुजरात में कांग्रेस, आप और AIMIM के बीच ही इस वर्ग के वोट बटेंगे। हालांकि किसके पक्ष में नतीजे आएंगे यह तो आगामी दिनों में साफ हो जाएगा। आपको बता दे कि गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होना है। वहीं दिल्ली में 4 दिसंबर को मतदान किए जाएंगे।