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विपक्ष त्यागे नकारात्मकता, विकास यात्रा में दे सहयोग : पीएम मोदी

विपक्षी कांग्रेस पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘ कांग्रेस हारी तो देश हार गया । देश यानी कांग्रेस, कांग्रेस यानी देश । अहंकार की एक सीमा होती है ।’’

‘‘एक राष्ट्र एक चुनाव’’ को सिरे से खारिज करने और लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के लिए ईवीएम पर ‘‘ठीकरा’’ फोड़ने को लेकर कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विपक्ष को ‘‘नकारात्मकता’’ त्यागने और देश की विकास यात्रा में सकारात्मक योगदान देने की नसीहत दी। 
मोदी ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही। एक घंटे से अधिक समय तक दिए गये भाषण में प्रधानमंत्री ने झारखंड में भीड़ द्वारा एक मुस्लिम युवक की हत्या तथा बिहार में इंसेफेलाइटिस के कारण बच्चों की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि झारखंड की घटना के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए लेकिन इसे लेकर पूरे एक राज्य को बुरा बताना अनुचित है और इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। 
मोदी के जवाब के बाद सदन ने धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। साथ ही राष्ट्रपति अभिभाषण पर विपक्ष द्वारा लाये गये संशोधन प्रस्तावों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री उच्च सदन में 12 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने भाजपा नीत राजग को लोकसभा चुनाव में मिले बहुमत को ‘‘देश की हार’’ बताने के लिए कांग्रेस पर बरसते हुए कहा कि ऐसा कहना देश के करोड़ों मतदाताओं, किसानों एवं मीडिया का अपमान है। 
विपक्षी कांग्रेस पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘ कांग्रेस हारी तो देश हार गया । देश यानी कांग्रेस, कांग्रेस यानी देश । अहंकार की एक सीमा होती है ।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हारने से देश नहीं हार जाता क्योंकि कांग्रेस देश नहीं है। झारखंड में भीड़ द्वारा एक युवक की हत्या को ‘‘दुखद एवं शर्मनाक’’ बताते हुए मोदी ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिले, यह हम मानते हैं। किंतु इसे लेकर पूरे राज्य को गलत बताना अनुचित है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नागरिकों को कठघरे में खड़ा करके हम अपनी राजनीति तो कर सकते हैं लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं हो सकता। 
बिहार में बच्चों की इंसेफेलाइटिस के कारण मौत की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए ‘दुख और शर्म’ की बात है। उन्होंने कहा कि आज भी बच्चों का बुखार से मरना देश की 70 साल की विफलताओं में से एक है और हम सभी को मिलकर इन विफलताओं से निबटने के समाधान खोजने होंगे। चुनाव के दौरान ईवीएम के जरिये गड़बड़ी करने के आरोपों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि एक समय भाजपा भी मात्र दो सांसदों पर पहुंच गयी थी किंतु हमने कभी इस तरह का ‘‘रोना-धोना नहीं किया’’। 
उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब खुद पर भरोसा न हो, सामर्थ्य न हो तथा आत्ममंथन की तैयारी नहीं हो तो ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि जब से ईवीएम का उपयोग शुरू हुआ है, तब से चुनावी हिंसा और चुनावी धांधली खत्म भी हुई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ईवीएम को शुरू किया, वे ही आज इसे लेकर शिकायतें कर रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी ने भी एक समय में ईवीएम पर सवाल उठाये थे। पर बाद में प्रौद्योगिकी को समझकर इसे अपनाया। 
उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि आप पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं ? ‘‘आपके साथ समस्या यह है कि आप जीत को पचा नहीं सकते और हार को स्वीकार करने की आपमें सामर्थ्य नहीं है ।’’ ‘‘एक देश एक चुनाव’’ का कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने का संकेत करते हुए मोदी ने कहा 1952 से चुनाव सुधार लगातार हो रहे हैं और होते रहने चाहिए। ‘‘एक देश एक चुनाव’’ को सिरे से खारिज करना ठीक नहीं है। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वह इस सुझाव पर विचार तो करे। उन्होंने कहा ‘‘एक देश, एक चुनाव’’ की अवधारणा को पार्टियां चर्चा किए बिना ही खारिज कर रही हैं ।’’ 
उल्लेखनीय है कि ‘एक देश एक चुनाव’ मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार द्वारा हाल में बुलायी गयी सभी दलों के नेताओं की बैठक का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि देशवासियों ने उन दलों को सजा दी है जो राज्यसभा में सरकार के विकास संबंधी कामकाज में अड़ंगे लगाते हैं। उन्होंने कहा कि इतनी ‘‘नकारात्मकता’’ नहीं होनी चाहिए। 
मोदी ने कहा, ‘‘इन्हें (कांग्रेस) वह ‘ओल्ड इंडिया’ चाहिए, जहां कैबिनेट के निर्णय को पत्रकार वार्ता में फाड़ दिया जाए, जहां गैस कनेक्शन के लिए सांसद के घर के बाहर लाइन लगती हो, जहां टुकड़े टुकड़े गैंग का समर्थन किया जाता हो और जहां इंस्पेक्टर राज हो। देश की जनता हिन्दुस्तान को पुराने दौर में ले जाने को कतई तैयार नहीं है। हमने नीति, रीति और प्रवृत्ति को बदला है। आप पांच साल में 25 लाख मकान बनाते थे हमने डेढ़ करोड़ मकान बनाये हैं।’’ 
उन्होंने अपनी सरकार के आगामी पांच वर्षों का खाका पेश करते हुए कहा कि यह पांच साल आवश्यकताओं से ज्यादा आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए हैं। मोदी ने कहा कि सबका साथ सबका विकास मन्त्र को लेकर हम चले थे। पांच साल में जनता जर्नादन ने इसमें एक अमृत जोड़ दिया..‘‘सबका विश्वास’’। उन्होंने विपक्ष को नसीहत दी कि ‘‘राजनीतिक चश्मे उतार कर देखिये। तब भविष्य, धुंधला नहीं बल्कि उज्ज्वल नजर आएगा।’’ 
मोदी ने कहा कि संघीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत सहकारी संघीय ढांचे में राज्यसभा अलग नहीं बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था का ‘‘एक पुर्जा’’ है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में राज्यसभा में कई ऐसे विधेयकों को, विरोध कर पारित नहीं होने दिया गया जो लोकसभा में पारित किये गये थे। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद यह विधेयक निष्प्रभावी हो गये। अब इन्हें लोकसभा में फिर घंटों चर्चा कर पारित करना पड़ेगा। इसमें काफी समय और करदाताओं का पैसा खर्च होगा। 
उन्होंने कहा कि लोग उन दिनों को नहीं भूले हैं जब दिल्ली की सड़कों पर सिखों को जिंदा जला दिया गया था। उन्होंने कांग्रेस से कहा ‘‘अगर यही आदर्श आपके थे तो आप अपने गिरेबां में झांकते। इन दंगों के आरोपी आपकी पार्टी में बड़े बड़े पदों पर हैं।’’ 
राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) का जिक्र करते हुए उन्होंने कांग्रेस से कहा, ‘‘ आप एनआरसी का क्रेडिट क्यों नहीं लेते ? राजीव गांधी ने असम समझौते को, एनआरसी को स्वीकार किया था। उच्चतम न्यायालय ने हस्तक्षेप किया था तब हमने एनआरसी को लिया था। आधा लीजिए आधा छोड़िए, यह नहीं चलेगा। हमारे लिए यह वोट की राजनीति नहीं है। यह देश के उज्ज्वल भविष्य से जुड़ा है।’’ 

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