केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में जैविक खेती को बढ़वा दिया जा रहा है और इसमें किसानों को सहूलियत देने के साथ ही इससे जुड़ी सारी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि जैविक खेती को बढ़वा देने के लिए सरकार की तरफ से 50 हत्रार रुपये की सहायता दी जाती है जिसमें 30 हत्रार रुपये सीधे किसानों के खाते में जाते हैं और 20 हत्रार रुपए उनके प्रशिक्षण पर खर्च होते हैं।
जैविक खेती का निर्यात भी बड़ा
उन्होंने कहा कि इस समय 35.19 लाख हेक्टेयर भूमि को जैविक खेती के दायरे में आती है और देश में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। उनका कहना था कि जैविक खेती का निर्यात भी बड़ा है। केंद्रीय मंत्री ने प्रमाणन सम्बन्धी सवाल पर कहा कि सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को भी सरल किया जा रहा है। पहले किसानों को इसके लिए 10 से 15 हजार रुपये खर्च करने पड़ते थे लेकिन अब महज एक हजार रुपये में यह काम हो रहा है। उनका कहना था कि सामूहिक रूप से भी प्रमाणन की व्यवस्था की गई है जिसके लिए किसान एक साथ आवेदन कर सकते हैं।
किसानों का फ्री में सर्टिफिकेशन किया जा सकता है
उन्होंने कहा कि सरकार ने जैविक खेती को बढ़वा देने के लिए नि:शुल्क प्रमाणन की भी व्यवस्था की है, जिसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से प्रस्ताव आने पर किसानों का फ्री में सर्टिफिकेशन किया जा सकता है। उनका कहना था कि राज्य सरकार को इस दिशा में उत्साह से आगे आना चाहिए।