अनुसंधान एवं विकास के काम में तेजी लाए डीआरडीओ : रक्षा मंत्री सीतारमण - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

अनुसंधान एवं विकास के काम में तेजी लाए डीआरडीओ : रक्षा मंत्री सीतारमण

अजय कुमार ने कहा कि भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए तकनीक हस्तांतरण पर आधारित मॉडल को छोड़कर डिजाइन के क्षेत्र में दक्षता हासिल करनी होगी।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नवाचार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया है और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से इस दिशा में तेजी से काम करने को कहा है। देश में बौद्धिक संपदा अधिकार संस्कृति को बढ़वा देने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति को प्रक्षेपण करते हुए सीतारमण ने सभी संबंधित पक्षों से रक्षा क्षेत्र में नवाचार के काम को तेजी से आगे बढ़ने तथा उन्हें व्यायसायिक दृष्टि से अमली जामा पहनाने की दिशा में काम करने को कहा।

डीआरडीओ को इस मिशन के तहत बड़ी भूमिका निभाने के लिए उत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि बदली परिस्थितियों से उत्पन्न अवसरों तथा सरकार से मिल रहे समर्थन का फायदा उठाते हुए संगठन,‘‘ अनुसंधान और विकास पर विशेष रूप से दोबारा ध्यान दे।’’ उन्होंने कहा कि डीआरडीओ को आत्मचिंतन कर नवाचार के काम में तेजी लानी चाहिए। डीआरडीओ संगठन को विचारों और कल्पना को रक्षा क्षेत्र के लिए सफल परियोजनाओं में तब्दील कर उन्हें अमली जामा पहनाना चाहिए। उसे बौद्धिक संपदा अधिकार के लिए केवल पंजीकरण की संख्या को बढ़कर ही संतुष्ट नहीं होना चाहिए।

सीतारमण ने रक्षा उत्पादन विभाग से भी कहा कि वह रक्षा क्षेत्र में नवाचार करने वाले सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों को बढ़वा दे और प्रक्रियागत अड़चनों को दूर करने के लिए सरल नीति बनाए। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए नवाचार और कोई अन्य कार्य करने से लोग अक्सर हिचकिचाते हैं, विभाग को इस हिचकिचाहट को दूर कर इसे लोगों के लिए आकर्षक क्षेत्र बनाना होगा जिससे देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ हम दुनिया भर में निर्यातक देश का दर्जा हासिल कर सकें। इसके लिए एक विशेष सुविधा केंद्र भी बनाया जाना चाहिए।

रक्षा सचिव उत्पादन अजय कुमार ने कहा कि भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए तकनीक हस्तांतरण पर आधारित मॉडल को छोड़कर डिजाइन के क्षेत्र में दक्षता हासिल करनी होगी। इससे भारत रक्षा उत्पादों का केंद्र बनने के साथ-साथ उनका निर्यात करने वाला प्रमुख देश भी बन सकेगा। उन्होंने कहा कि अभी भारत केवल तकनीक का हस्तांतरण करता है लेकिन कोई भी समस्या आने या डिजाइन में सुधार के लिए उसे दोबारा उस कंपनी की शरण में जाना पड़ता है जिससे उसने तकनीक ली है।

उन्होंने कहा कि किसी भी सौदे में उत्पाद के डिजाइन की कीमत 50 से लेकर 70 या 80 प्रतिशत तक होती है और उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री की कीमत केवल 20 से 30 प्रतिशत ही होती है। डिजाइन के क्षेत्र में दक्षता हासिल नहीं होने के चलते भारत को रक्षा उत्पादों के लिए आयात पर ही निर्भर करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति के तहत डिजाइन के क्षेत्र में दक्षता हासिल करने पर विशेष जोर दिया जायेगा। इस मिशन के तहत एक साल में पेटेंट के लिए 1000 आवेदन और 10 हजार लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने नवाचार के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के वैज्ञानिकों को उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रमाण पत्र भी दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 − eleven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।