भीड़ हिंसा पर लगाम लगाने के लिये नये कानून के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार के रवैये से एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सोमवार को खुश नहीं दिखे। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन नेता ने ट्वीट किया,“मेरे विधेयक में भीड़ हिंसा को रोकने के लिए मौजूदा व्यवस्था में सुधार करके स्वतंत्र जांच और मुकदमा चलाना प्रस्तावित था।
जब तक गलती करने वाले पुलिसकर्मी और आरोपी समय सीमा के अंदर दंडित नहीं होते हैं, तब तक भीड़ हिंसा नहीं रुकेगी. ये रॉकेट साइंस नहीं है अमित शाह।” हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने मीडिया में आई खबरों का जिक्र किया जिनमें अधिकारियों को उद्धृत करते हुए कहा गया है कि भीड़ हिंसा पर लगाम लगाने के लिये नये कानून की जरूरत नहीं है क्योंकि मौजूदा कानून भीड़ हिंसा जैसे अपराध से निपटने के लिये पर्याप्त हैं।
इन्हें “लागू” किये जाने की जरूरत है। उन्होंने पूर्व में भीड़ हिंसा के खिलाफ नए कानून बनाने का पक्ष लिया था। उन्होंने भीड़ हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिये एक विधेयक भी पेश किया था।